नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य और लेफ्ट अलायंस ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के बीच झड़प होने की जानकारी सामने आ रही है. जेएनयू में भड़की हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए. जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
छात्र संघ के सदस्यों ने कहा कि झड़प में गंभीर रूप से घायल लोगों को नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है. घटना की शिकायत दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई गई है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना रविवार रात 10 बजे विश्वविद्यालय के छात्र संघ कार्यालय में हुई. दोनों पार्टियों के सदस्यों ने एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.
वामपंथी संगठनों पर पहले भी हमले का आरोप लग चुका है
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब जेएनयू में हिंसा हुई है. जेएनयू पहले भी विवादों में रहा है. इससे पहले 6 जनवरी, 2020 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने मारपीट के लिए वामपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था. जेएनयू में पढ़ने वाले कुछ छात्र मीडिया के खिलाफ उतरे थे. वह एबीवीपी के सदस्य थे, जिस पर उन्होंने वामपंथी संगठनों को पीटने का आरोप लगाया था. छात्रों ने कहा कि लड़ाई विंटर सैश के लिए पंजीकरण को लेकर थी. छात्रों के अनुसार शांति मार्च के बहाने 700 लोग (वामपंथी संगठन) जमा हुए थे और उन्होंने सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाया ताकि पंजीकरण में बाधा आ सके.
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