कोलंबो: पड़ोसी देश श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. इस बीच नवनियुक्त प्रधानमंत्री सरकारी विमानन कंपनी को निजीकरण कर आर्थिक संकट से उबारने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि आज कैबिनेट ने ट्रेजरी बिल जारी करने की स्वीकृत सीमा को 3000 बिलियन से बढ़ाकर 4000 बिलियन करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पेश करने का निर्णय लिया है.
श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने आगे कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि घाटे में चल रही का निजीकरण किया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट पर विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और इस दौरान दवाई, भोजन और उर्वरक आपूर्ति के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया.
श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इस वर्ष के लिए अनुमानित सरकारी व्यय SLR 3.3 ट्रिलियन है. हालांकि ब्याज दरों में वृद्धि और पूर्व सरकार के अतिरिक्त व्यय के कारण कुल सरकारी व्यय SLR 4 ट्रिलियन है. वर्ष के लिए बजट घाटा SLR 2.4 ट्रिलियन है. यह राशि जीडीपी के 13% के बराबर है.
नवनियुक्त प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि इस समय श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बेहद अनिश्चित है हालांकि पूर्व सरकार के बजट में SLR 2.3 ट्रिलियन, SLR 1.6 ट्रिलियन का राजस्व इस वर्ष के राजस्व का वास्तविक अनुमान है.
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