ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा की अदालत में मथुरा की ईदगाह मस्जिद परिसर को सील करने की मांग वाली याचिका दाखिल की गई है. हिंदू याचिकाकर्ता का दावा है कि अगर परिसर को सील नहीं किया गया तो गर्भगृह और अन्य पुरातत्व मंदिरों के अवशेषों को क्षतिग्रस्त या फिर हटाया जा सकता है.
याचिका में शाही ईदगाह की सुरक्षा बढ़ाने, और आने-जाने पर रोक लगाने के साथ सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति की मांग की गई है. सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट आज याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने दायर की है. उन्होंने शाही ईदगाग की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की और मांग की कि एक सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाए. हिंदू याचिकाकर्ता ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जिस तरह से हिंदू शिवलिंग के अवशेष मिले हैं, उससे स्पष्ट होता है कि प्रतिवादी (मुस्लिम पक्ष) शुरू से ही इसका विरोध करता रहा है. भगवान कृष्ण की जन्मभूमि की स्थिति भी ऐसी ही है. जो मूल गर्भगृह है, यहां भी सभी हिंदू धार्मिक अवशेष कमल, शेषनाग, ओम, स्वस्तिक आदि के अवशेष हैं, जिनमें से कुछ प्रतीकों को नष्ट कर दिया गया है.
हिंदू याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि यदि हिंदू अवशेषों को मिटा दिया जाता है, तो संपत्ति का चरित्र बदल जाएगा और विवाद का उद्देश्य और सबूत नष्ट हो जाएगा. ऐसे में परिसर की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित की जाए या परिसर में आने-जाने पर रोक लगाने के साथ सील कर दिया जाए.
गौरतलब है कि हाल ही में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद अब मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई थी. अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और सुनवाई एक जुलाई को होगी. याचिकाकर्ता मनीष यादव का दावा है कि वह भगवान कृष्ण के वंशज हैं.
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