नूपुर शर्मा के विवादित बयान की वजह से उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों 10 जून शुक्रवार को हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के बाद योगी सरकार हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई कर रही है. इस बीच आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर निशाना साधा है.
हैदराबाद में एक समारोह को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं वाराणसी के पुलिस आयुक्त से पूछना चाहता हूं कि जब उन्होंने बच्चों को समझाने की बात कही तो क्या मुसलमान के बच्चे आपके बच्चे नहीं हैं CP साहब? आप उनको अपना बच्चा नहीं बोलेंगे? हम भी इस देश के बच्चे हैं. आप बुलाकर बात करें. आप को पिछले जुमे को बुलाकर बात करनी चाहिए थी.
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि आफरीन फातीमा का घर तोड़ा गया. आपने क्यों तोड़ा? क्योंकि उनके पिता ने धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. प्रिंसिपल ऑफ नैचुरल जस्टिस संविधान का बुनियादी संरचना का हिस्सा है. आप खाली बोलेंगे या अमल भी करेंगे? कोर्ट उनके पिता को सज़ा देगा, उनकी बेटी या बीवी को नहीं. कोर्ट उनके घर को तोड़ने का हुकुम जारी नहीं करेगा. वह घर आफरीन फातीमा की मां के नाम पर था और इस्लाम में अगर घर किसी बहन, बेटी, बीवी के नाम पर होता है तो उस पर उसका हक होता है न कि उसके पति का, आपने पति को नोटिस देकर घर तोड़ दिया. यह है आपका इंसाफ?
नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने आगे कहा कि नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी हो और भारत के क़ानून के दायरे में रहकर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो. लेकिन मुझे यकीन है कि 6-7 महिनों में नूपुर शर्मा फिर आएंगी और उनको एक बड़ी नेत्री के रूप में पेश किया जाएगा, हो सकता है कि वे दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की दावेदार बन जाएं. यही तो हकीकत है हमारे देश की, जितना मुसलमानों को गाली देंगे, जितना अनाप-शनाप बोलेंगे उतने ऊंचे औहदा पर बैठा दिए जाएंगे.
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