नई दिल्ली: भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से एनआईए की टीमें देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. इस मामले में गुजरात समेत कई राज्यों से लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सिर्फ पीएफआई ही नहीं बल्कि इससे जुड़े 8 और संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पीएफआई रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वुमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
यूएपीए के तहत लगाया गया प्रतिबंध
गृह मंत्री की ओर से एक सार्वजनिक गैजेट अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने पीएफआई की विघटनकारी गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है. पीएफआई को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है.
पीएफआई पर आतंकी संबंधों का आरोप है. केंद्र सरकार ने यह फैसला देश के कुछ राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों मिले सबूतों के आधार पर यह फैसला लिया गया है. आरोप है कि इस संगठन को विदेशों से अवैध रूप से फंडिंग मिल रही थी. मंगलवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में छापेमारी कर इस संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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