महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए बिल्डिंग हादसा में अब तक 13 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. सोमवार को तालाब के किनारे बनी एक पांच मंजिला इमारत गिर गई थी. इसमें आठ लोगों को सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया था. अब भी मलबे में पांच लोगों के दबे होने की आशंका है.
उधर पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ धारा 304, 337, 338 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इसमें इमारत के बिल्डर फारुख काजी, आर्किटेक्ट गौरव शाह, बिल्डिंग के आरसीसी सलाहकार बाहुबली धमाने, महाड नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी दीपक झिंझाड़ और बिल्डिंग इंस्पेक्टर शशिकांत दिघे को आरोपी बनाया गया है.
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आईपीसी की धारा 304 के तहत जुर्म साबित होने पर 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है.
रायगढ़ बिल्डिंग हादसा, राहत कार्य में जुटी एनडीआरफ
उधर एनडीआरएफ की आठ टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.
एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने मलबे से 13 लोगों के शव और आठ लोगों को जीवित बाहर निकाल लिया.
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ की इस इमारत में 40 फ्लैट थे.
इसमें लगभग 84 लोगों के रहने की बात कही जा रही है. हादसे में 60 लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं.
24 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई थी. इनमें से 19 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है.
मध्य प्रदेश में भी गिरी बिल्डिंग
उधर मध्य प्रदेश से भी ऐसी ही खबर आ गई है. यहां के देवास जिले में एक बिल्डिंग गिर गई है. बताया गया है यह दो मंजिला इमारत थी. इसमें से अभी 6 लोग बचाए गए हैं. राहत कार्य अभी जारी है.
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के देवास में मंगलवार को अचानक एक दोमंजिला इमारत भरभराकर गिर गई.
शहर के लाल गेट इलाके में बिल्डिंग के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर चुकी है.
6 घायलों को अब तक निकाला गया है. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.