नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन भी हंगामे के भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है. सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल मोदी सरकार ने दोनों सदनों में बिना चर्चा के पारित कर दिया. इस दौरान विपक्षी दल से जुड़े लोग बिल पर चर्चा करने की मांग करते रहे. लेकिन चर्चा तो नहीं हुआ लेकिन हंगामा करने वाले राज्यसभा के 12 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड जरूर कर दिया गया.
मंगलवार यानी आज सत्र की कार्यवाही का दूसरा दिन शुरू होते ही विपक्ष ने सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग किया. इसके जवाब में सभापति ने कहा कि निलंबित सांसदों ने अफसोस नहीं जताया है. मैं विपक्ष के नेता (मल्लिकार्जन खडगे) की अपील पर विचार नहीं कर रहा हूं. निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा. उनके इस जवाब के बाद विपक्षी दल के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
अब इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने छोटा सा ट्वीट कर लिखा “किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!”
इससे पहले कल राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जिस तरह से संसद में बिना किसी चर्चा के क़ानून रद्द किए गए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है. सरकार जानती है कि उन्होंने ग़लत काम किया है. 700 किसानों की मृत्यु, क़ानूनों को लागू करने के पीछे किसकी शक्ति थी इस पर चर्चा होनी थी पर सरकार ने नहीं होने दी. राहुल गांधी ने आगे कहा कि ये तीन क़ानून किसानों और मज़दूरों पर आक्रमण था. परन्तु किसानों और मज़दूरों की कठिनाइयां MSP, कर्ज़ माफी आदि लंबी लिस्ट है. वे अभी भी उनकी मांगें हैं, हम उनका समर्थन करते हैं.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/uttarakhand-cm-devasthanam-board-dissolved/