नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए ने 22 सितंबर की आधी रात तक सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया. एजेंसी के निशाने पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई था. ये छापेमारी देश के सभी राज्यों में की गई. एनआईए ने इस आतंकवाद विरोधी तलाशी अभियान में भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और खतरनाक हथियार जब्त किए हैं. इसके साथ ही कई नेताओं और पीएफआई सदस्यों समेत 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.
एनआईए के बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन के बाद पीएफआई कैंप में कोहराम मचा हुआ है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध लगा सकती है. इन छापों के दौरान जो कुछ भी सामने आता है उसकी मदद से केंद्रीय गृह मंत्रालय इस संगठन पर प्रतिबंध लगा सकता है. इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक भी की, जिसमें एनएसए डोभाल और एनआईए प्रमुख सहित सभी शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
NIA ने PFI के खिलाफ 15 राज्यों में एक साथ छापेमारी की थी. टेरर फंडिंग के आरोप में पीएफआई के कई ठिकानों पर एनआईए और ईडी का संयुक्त तलाशी अभियान जारी है. इस मेगा छापेमारी में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है. 96 जगहों पर छापेमारी कर 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई अध्यक्ष ओएमए सलाम, उपाध्यक्ष ईएम अब्दुल रहीम, राष्ट्रीय सचिव नजरुद्दीन एलमारम, केरल प्रदेश अध्यक्ष सीपी मुहम्मद बशीर, राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रोफेसर पी कोया और एसडीपीआई के संस्थापक अध्यक्ष अबू बकर शामिल हैं.
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