मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान सरकार का मसौदा प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं. सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने साफ कर दिया था कि अब आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा.
कृषि से जुड़े तीनों कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को एक महीना होने वाला है. बावजूद इसके किसान राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं.
इस बीच अन्नदाता एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है. 26th day farmer movement
कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने किया था बड़ा ऐलान 26th day farmer movement
किसान नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के 25 वें दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर बड़ा ऐलान किया. किसानों ने कहा कि 21 दिसंबर से 24 घंटे हंगर स्ट्राइक शुरू की जाएगी.
किसान नेताओं ने कहा कि किसान भाई जहां भी कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहां से ही रिले हंगर स्ट्राइक में शामिल हो.
इतना ही नहीं किसानों 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर देशवासियों से एक समय का खाना त्यागने की भी अपील की.
वार्ता के लिए केंद्र सरकार ने फिर भेजा निमंत्रण
केंद्र की मोदी सरकार लगातार दावा कर रही है कि यह कानून किसानों को फायदा पहुंचाने वाला है. लेकिन विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है कि जिनकी भलाई के लिए इस कानून को बनाया गया है, अगर वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं. 26th day farmer movement
तो सरकार फिर क्यों इस कानून को लागू करने के जिद पर अड़ी हुई है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि सरकार की ओर से एक बार फिर से किसानों को वार्ता करने का न्योता भेजा गया है.
किसानों ने आंदोलन के 25 वें दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि आगामी 27 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम के तहत देशवासियों को संबोधित करेंगे. 26th day farmer movement
इस दौरान किसान थाली पीटकर अपना विरोध व्यक्त करेंगे. इतना ही नहीं किसानों ने 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर देशवासियों से अपील की है कि वह दोपहर का खाना ना बनाएं और किसानों के आंदोलन का समर्थन करें.
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