कोरोना के कारण देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की मार्मिक दशा जारी है. लगातार विचलित कर देने वाली खबरें आ रही हैं. इस बीच खबर है कि भावनगर से बस्ती जा रही श्रमिक एक्सप्रेस में 29 साल के एक युवक की मौत हो गई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. भावनगर से ट्रेन खुली थी और ट्रेन शनिवार को लखनऊ पहुंची थी लेकिन पहुंचने के साथ ही युवक की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि युवक सीतापुर का रहनेवाला था. कोरोना से डर के चलते श्रमिक युवक अपने घर जा रहा था, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई. इस खबर से मजदूरों में काफी निराशा है. बहुत सारे मजदूर लॉकडाउन के चलते फंस गए हैं. वे लोग अपने घर जाना चाहते हैं.
इस बीच बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश के कामगारों को लाने का सिलसिला जारी है. बड़ौदा से 1391 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रयागराज पहुंची है. प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग से यात्रियों को उतारा गया है. आश्रय स्थल में यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कराई गई है. यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें घर भेजा जा रहा है. यात्रियों को भेजने के लिए यूपी परिवहन निगम की बसों की व्यवस्था की गई है.
उधर 20 लाख प्रवासी श्रमिकों की चुनौती को अवसर में बदलने में योगी सरकार जुटी हुई है. श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के साथ ही लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों व कस्बों में ही नौकरियां देने की योजना बनाई है. सीएम योगी इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर टीम–11 के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में बाहर से आ रहे 20 लाख प्रवासी श्रमिकों का क्वारंटीन सेंटरों में ही तेजी से स्किलिंग डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं. अब तक 8 लाख प्रवासी श्रमिक यूपी पहुंच चुके हैं. पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से यूपी पहुंच चुके हैं. करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक योगी सरकार ने सबसे पहले श्रमिकों कामगारों को लाना शुरू किया था और अब तक सबसे ज्यादा लोगों को सुरक्षित ला चुकी है.
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