तीन विशेष ट्रेनों से 4019 श्रमिक बुधवार को अलग अलग राज्यों से झारखंड पहुंचे. ट्रेनें पंजाब, गुजरात और केरल से आई थीं. आश्चर्यजनक यह कि पंजाब से आने वाले मजदूरों को अपने राज्य आने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ा. वहीं, केरल व गुजरात से आए मजदूरों को घर आने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ी. इनमें से भी कुछ से तो टिकट से अधिक वसूल लिए गए.
जांच के बाद स्टेशन से मजदूरों को बसों से उनके घर भेज दिया गया है जहां वे 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन पर रहेंगे. सूरत से धनबाद आने वाले 1233 श्रमिकों से किराए के तौर पर 715 रुपये वसूले गए. धनबाद स्टेशन पर कुछ श्रमिकों ने यह शिकायत भी की कि टिकट में 715 ही दर्ज है मगर उनमें से किसी से 800 तो किसी से एक हजार रुपये तक ले लिए गए. सूरत से धनबाद होकर चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन सूरत-मालदा टाउन का सूरत से धनबाद तक का स्लीपर श्रेणी का किराया 780 रुपये है.
जनरल श्रेणी में यात्रियों को 385 रुपये चुकाने पड़ते हैं लेकिन सूरत से आनेवाले श्रमिकों को जो टिकट उपलब्ध कराए गए वो खास थे. प्रत्येक टिकट की कीमत 715 रुपये थी जो स्लीपर क्लास के किराए से 65 रुपये कम मगर जनरल श्रेणी से 330 रुपये ज्यादा थे. दोनों श्रेणियों के लिए एक समान ही किराया लिया गया.
वहीं केरल के एर्नाकुलम से 1598 प्रवासी मजदूरों को लेकर ट्रेन रांची के हटिया स्टेशन पहुंची. इन मजदूरों में प्रत्येक को 830 रुपये चुकाना पड़ा. जांच के दौरान 40 प्रवासी मजदूर ऐसे थे, जिनका नॉर्मल बॉडी टेंपरेचर अधिक था, जिन्हें आधे घंटे तक हटिया स्टेशन पर बैठा कर रखा गया. आधे घंटे बाद पुन: जांच में तापमान सामन्य पाया गया तो इन्हें जाने की इजाजत दी गई.
उधर पंजाब में फंसे पलामू व अन्य जिलों के 1188 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार को डालटनगंज रेलवे स्टेशन पहुंची. प्लेटफार्म पर ट्रेन को रुकते ही श्रमिकों ने ताली बजाकर खुशी जाहिर करते हुए राज्य सरकार व जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया. श्रमिकों के साथ महिलाएं व बच्चे भी थे.
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