यस बैंक पर आई संकट से इसके जमाकर्ता परेशान हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा लिए गए चौंकाने वाले फैसले से लाखों लोगों के पैसे तो फंसे ही हैं साथ ही साथ पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के भी पैसे फंस गए हैं. यस बैंक की एक शाखा में भगवान जगन्नाथ के नाम से खुले अकाउंट में 545 करोड़ रुपए जमा हैं और आरबीआई के नए आदेश के बाद भक्त और पुजारी दोनों चिंतिंत हैं. इसकी जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दी है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है. इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय की है. बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है.
Devotees of Lord Jagannath & priests at the centuries-old temple in Puri are worried following RBI restrictions on #YesBank where Rs 545 crore is deposited in the deity’s name
— Press Trust of India (@PTI_News) March 6, 2020
रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है. आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है. निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिलाया है कि सभी का एक-एक पैसा सुरक्षित है. वहीं मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने भी यस बैंक के ग्राहकों के हितों की सुरक्षा का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है और बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
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