बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के मुताबिक, नए साल 2020 की पहली तारीख को पूरी दुनिया में 386,000 बच्चों ने जन्म लिया. इसमें भारत का स्थान पहला है जहां एक जनवरी को 69,000 बच्चे पैदा हुए. इसके बाद चीन का स्थान है जहां 44,760 बच्चों ने जन्म लिया.
यूनिसेफ के आंकड़े के बताते हैं कि तीसरे नंबर पर नाइजीरिया है जहां साल के पहले दिन 20,210 बच्चों ने जन्म लिया. इसके बाद पाकिस्तान (14,910), इंडोनेशिया (13,370), संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (11,280), कांगो (9,400), इथोपिया (9,020) और बांग्लादेश (8,370) का नाम है.
यूनिसेफ ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि 2016 में साल के हर दिन पहले 24 घंटों के भीतर अनुमानित 2,600 बच्चों की मौत हुई. लगभग 20 लाख नवजात शिशुओं के लिए उनका पहला सप्ताह ही उनका आखिरी था. इन शिशुओं की मौत के पीछे सेप्सिस और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों को वजह बताया गया है. यूनिसेफ का दावा है कि इन मौतों की रोकथाम के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. यह भी बताया गया है कि पिछले तीन साल में शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
भारत के बारे में यूनिसेफ ने कहा है, यहां 69 हजार बच्चे हर दिन पैदा होते हैं. जन्म का पहला दिन मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा होता है क्योंकि इसी दिन आधी मृत्यु दर दर्ज की जाती है जबकि 40 फीसदी बच्चों की मौत जन्म के दिन ही हो जाती है. भारत में हर साल लगभग 50 लाख बच्चों का जन्म घर में ही होता है. बच्चों की मौत रोकने के लिए जरूरी है माताओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं. यूनिसेफ ने उस बच्चे की भी जानकारी दी है जो नए साल पर दुनिया में सबसे पहले पैदा हुआ. यह बच्चा फिजी का है जिसका जन्म 12.10 बजे हुआ.
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