पंजाब में जहरीली शराब पीने से अब तक 86 लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीली शराब पीने से अब तक तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर ग्रामीण और गुरदासपुर में सात दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया.
बता दें कि जहीरीली शराब पीने से शुक्रवार को 48 लोगों की जान गई थी.
इसके बाद शनिवार को 38 और लोगों ने दम तोड़ दिया.
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तरनतारन में 63 की मौत
अकेले तरनतारन में जहरीली शराब से 63 लोगों की मौत हो हुई है. यहां शुक्रवार को 30 लोगों की जान गई थी, शनिवार को 33 और ने दम तोड़ दिया.
अमृतसर ग्रामीण में कल 10 और शनिवार को 2 लोगों की मौत हुई.
इसी तरह और गुरदासपुर (बटाला) में 11 शुक्रवार को 8 और शनिवार को 3 लोगों की मौतें हुई हैं.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,
“मामले में किसी भी सरकारी कर्मचारी या अन्य की मिलीभगत सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने नकली शराब बनाने और बेचने से रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी को शर्मनाक करार दिया. किसी को भी हमारे लोगों को जहर पिलाने की हरगिज इजाजत नहीं दी जाएगी.”
मुख्यमंत्री ने कहा,
“पुलिस को दोषियों की खोज करने और इस केस में शामिल सभी व्यक्तियों पर आरोप तय करने के आदेश दिए हैं. इस केस में उन्होंने बीते दिन ही डिवीजनल कमिश्नर को मजिस्ट्रियल जांच करने के आदेश दिए हैं और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.”
डीआईजी बॉर्डर फिरोजपुर हरदयाल सिंह मान,
“पुलिस को 63 लोगों की सूची मिली थी जिनकी मृत्यु हुई है. पुलिस जांच के बाद सामने आया कि इनमें से 42 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब का सेवन करने से हुई है. बाकी लोगों का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया है, इसलिए उनकी मृत्यु के संबंध में भी जांच की जा रही है.”
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
पंजाब के मुख्यमंत्री के मुताबिक,अकाली-भाजपा के शासनकाल के दौरान भी ऐसे मामले घट चुके हैं.
साल 2012 और साल 2016 में क्रमश: गुरदासपुर और बटाला में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं.
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में भी कई जानें गई थीं. बटाला केस में तो एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई.