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नौकरी के विज्ञापन में वैश्य समुदाय के भर्ती की शर्त पर विवाद, रेलवे ने मांगी माफी

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भारतीय रेलवे के सबसे बड़े केटरिंग कॉन्ट्राक्टर के एक जातिवादी विज्ञापन की आलोचना हो रही है। बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स के विज्ञापन में लिखा है कि उसे रेल्वे फूड प्ला़जा मैनेजर,ट्रेन केटरिंग मैनेजर, बेस किचन मैनेजर और स्टोर मैनेजर के लिए ‘अग्रवाल और वैश्य समुदाय से ही ताल्लुक रखने वाले 100 पुरूषों की आवश्यकता है.’ साथ ही कंपनी का कहना था कि उम्मीदवारों को अच्छे परिवारों से होना चाहिए। इस मामले पर विवाद होने के बाद कंपनी ने रेलवे से लिखित माफी मांगते हुए विज्ञापन वापिस ले लिया।

कंपनी 50 साल से कैटरिंग के क्षेत्र में कर रही है काम

कंपनी पिछले 50 वर्षों से 150 रेलों में, जिनमें राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी रेलों में केटरिंग करती है। कंपनी मील्स ओन व्हील्स नाम से केटरिंग करती हैं। बृंदावन फूड प्रोडक्ट कंपनी का मुख्य कार्यालय ओखला में स्थित है। इस कंपनी में करीब 5 हजार लोगों का स्टाफ है। यह कंपनी विगत 50 वर्षों से टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और कैटरिंग में काम कर रही हैं।

कंपनी ने रेलवे से मांगी माफी

मामला तुल पकडने के बाद रेलवे ने इस मामले में जब कंपनी से जवाब तलब किया तो बृंदावन फूड प्रोडक्ट कंपनी की तरफ से अपना माफीनामा दिया। इसमें उन्होंने रेलवे से कहा कि, ‘हम यह बताना चाहते है कि हमने दो विज्ञापन दिए थे. एक ट्रेन और रेस्टोरेंट में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए वही दूसरा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम के लिए। कंपनी के क्लर्क की गलती के चलते यह हुआ हैं’।

माफीनामा में आगे लिखा है कि, ‘हम किसी भी विशेष समुदाय को चोट नहीं पहुंचाना चाहतै है। हमारा मक्सद है कि उचित उम्मीदवार को ही नौकरी मिले। हम किसी भी काम के लिए किसी विशेष समुदाय को सपोर्ट नहीं करते हैं’।