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अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विदेशी मीडिया की नजर, जीत का सेहरा मोदी के सर

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सुप्रीम कोर्ट ने दशकों से लंबित और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले पर जहां हिन्दुस्तान की मीडिया की नजर बनी हुई थी वहीं विदेशी मीडिया भी इस संवेदनशील मस्ले पर किसी से पीछे नजर नहीं आ रही अमेरिका और बिट्रेन की मीडिया ने इस फैसले पर जीत का सेहरा मोदी के सर बांधती हुई नजर आ रही हैं. आईये देखते हैं कि कौन से विदेशी मीडिया हाउस ने इस मुद्दे पर क्या लिखा.

अमेरिकी मीडिया

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) ने इस फैसले को प्रधानमंत्री मोदी की जीत बताया है. अपने लेख में न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है, ‘भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दशकों पुराने मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया है. इस विवादित स्थल पर मुस्लिमों के द्वारा दावा किया जा रहा था. ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके अनुयायियों के लिए देश को धर्मनिरपेक्ष नींव से हटाकर हिंदू बनाने की ओर बड़ी जीत है.

वाशिंगटन पोस्ट

अयोध्या पर फैसला प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी जीत है. फैसले में मुस्लिम पक्ष के तर्कों को दरकिनार करते हुए हिंदुओं को विवादित जमीन का अधिकार दिया है. जो कि नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ी जीत है. ‘ इस लेख में आगे लिखा है, ‘अयोध्या शहर में हिंदू भगवान राम के एक मंदिर का निर्माण हिंदू राष्ट्रवादियों का एक दीर्घकालिक लक्ष्य है और भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का एक प्रमुख उद्देश्य भी है.

सीएनएन

शनिवार को अयोध्या पर आए फैसले से ‘देश के सबसे अधिक राजनीतिक रूप से संवेदनशील भूमि विवादों में से एक का अंत हो गया है

वॉल स्ट्रीट जनरल

अदालत ने अपने फैसले में 1949 में विवादित स्थल पर भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए दायर मुकदमों की मेरिट पर ध्यान केंद्रित किया। बाबरी मस्जिद की जमीन जो एक तीन गुंबद वाली मस्जिद है, उसे मुगल सम्राट बाबर ने बनवाया था. सदियों से हिंदू कहते आए हैं कि यहां हमलावर मुस्लिम सेनाओं ने मस्जिद को खड़ा करने के लिए एक मौजूदा राम मंदिर को तोड़ दिया था. इसपर 1885 में कानूनी लड़ाई शुरू हो गई. जब एक महंत मंदिर निर्माण के लिए अदालत गए, उनकी याचिका खारिज हो गई. फिर 1949 में कुछ लोगों ने राम भगवान की मूर्ति रख दी, फिर 6 दिसंबर को कार सेवकों ने इस ढांचे को नुकसान पहुंचाया।

ब्रिटेन की मीडिया

गार्जियन

लिखता है कि अयोध्या मामले पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी जीत है. गार्जियन अपने लेख में लिखता है, ‘सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव जीतने के छह माह बाद ही एक और बड़ी जीत मिल गई है. जिससे अयोध्या में राम मंदिर की पुनर्स्थापना होगी

बीबीसी (BBC)

लिखता है यकीनन दुनिया के सबसे विवादास्पद संपत्ति विवाद में से एक का अंत हो गया है. जमीन पर विवाद ने भारत को ध्रुवीकृत, निराश किया था. कारण यह है कि यह एक आम नागरिक मामला नहीं था.

पाकिस्तानी मीडिया

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इस फैसले पर लिखा है ‘भारत के सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक काफी पुराने मामले में विवादित जमीन को हिंदू पक्षकारों को देने का फैसला किया है, इसी स्थान पर 1992 में 16वीं शताब्दी में बनी एक मस्जिद को हिंदुओं के द्वारा गिरा दिया गया था. वहीं अब मुस्लिमों को अलग से जमीन दी गई है.

येरुशलम मीडिया

दी येरुशलम पोस्ट ने लिखा है कि फैसला कड़ी सुरक्षा में आया है। इसके लेख में लिखा है, ‘भारत के शीर्ष कोर्ट ने आखिरकार वही फैसला सुनाया है, जो ऐतिहासिक तथ्यों ने साबित किया है. कोर्ट ने विवादित स्थल हिंदुओं को सौंप दिया इससे पहले देश और उत्तर प्रदेश में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई ताकि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो. इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरे देश ने सम्मान किया है.

जर्मन मीडिया

जर्मनी के अखबार दाइची वेले ने लिखा है, ‘करतारपुर और राम मंदिर दोनों ही ऐतिहासिक: भारत और पाकिस्तान के बीच जहां करतारपुर कॉरिडोर खोलने की खुशी है, वहीं भारत में राम मंदिर का रास्ता साफ होने से खुशी का माहौल भी है.