आयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद का फैसला आ चुका है. ऐसे में गुजरात के एक आर्किटेक का सपना जल्द ही साकार होने की उम्मीद जताई जा रही है. 76 साल के चंद्रकांत सोमपुरा मूल रूप से गुजरात के पालीताणा से हैं. उनका परिवार कई पीढ़ियों से मंदिर निर्माण कार्य करता आ रहा है. वे खुद अब तक हिंदू, जैन व स्वामी नारायण संप्रदाय के एक सौ से अधिक मंदिर बना चुके हैं. इनमें गांधीनगर का स्वामी नारायण मंदिर, पालनपुर अंबा माता मंदिर व कई बिडला मंदिर प्रमुख हैं.
सोमपुरा के मुताबिक, भरतपुर, राजस्थान के बंसी डूंगरपुर गुलाबी पत्थरों से ही राम मंदिर बनेगा, इसमें करीब ढाई लाख घनफीट पत्थर लगाने होंगे. बीते तीन दशक से अयोध्या, राजस्थान सहित कई जगहों पर राममंदिर के लिए सामग्री निर्माण का कार्य चल रहा है। सवा लाख पत्थरों की घडाई का काम हो भी चुका है.
मंदिर के इिजाइन के अनुसार, सवा लाख पत्थरों की और जरूरत होगी। पत्थरों को एबीसीडी व 1,2,3 के हिसाब से नंबर दिए गए हैं, जिन्हें नंबर के आधार पर लगाना ही है। राममंदिर अब विवादित रामजन्म भूमि पर ही बनेगा। यह तय हो चुका है, इसलिए सोमपुरा का मानना है कि मंदिर निर्माण ढाई से तीन साल में पूरा हो सकता है।
रामलला व राम दरबार होगा मंदिर में
आशीष सोमपुरा के मुताबिक, भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम का मंदिर विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में बनेगा। नागर शैली में भरतपुर के गुलाबी ढाई लाख पत्थरों से दो मंजिला मंदिर बनेगा। इसमें करीब 251 स्तंभ होंगे, जिन पर विविध आकृतियां उकेरी गई होंगी। 240 फीट लंबे, 145 फीट चौड़े व 141 फीट ऊंचे राममंदिर के पहले तल में बालस्वरूप में करीब छह फीट की ऊंचाई के रामलला विराजमान होंगे। दूसरे तल में राम दरबार होगा, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान की प्रतिमाएं होंगी। मंदिर पूर्वाभिमुख होगा, लेकिन इसमें प्रवेश के लिए चारों ओर से द्वार होंगे। मंदिर का गर्भगृह रघुपुरम अलग होगा तथा कथा कुंज का निर्माण अलग होगा।