एक लम्बे सियासी हंगामे के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. लेकिन विचारों के एतबार से अलग अलग विचार रखने वाली सियासी पार्टियां गठबंधन को लेकर कितना तैयार है इसको लेकर वक्त की जरुरत महसूस की जा रही है. इसीलिए पिछले दिनों कांग्रेस और एनसीपी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर दोनों पार्टी अभी विचार कर रही हैं. एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि गठबंधन के फैसले से पहले हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शिवसेना ने हमसे आधिकारिक तौर पर 11 नवंबर को संपर्क किया था. इतने बड़े फैसले पर हमें विचार करने के लिए समय चाहिए. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने की वे आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में अलग-अलग राज्यों में असंवैधानिक तरीके से राष्ट्रपति शासन लगाकर इस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है.
NCP leader Praful Patel: A meeting was held between senior leaders of NCP and Congress today. On 11th November Shiv Sena first contacted us formally. We will discuss on all the issues and then take a decision. #Mumbai pic.twitter.com/65aprntKXD
— ANI (@ANI) November 12, 2019
अहमद पटेल ने आगे कहा कि राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया लेकिन कांग्रेस को कोई न्योता नहीं दिया गया. हम इसकी आलोचना करते हैं.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमें किसी बात की जल्दी नहीं है, हम पहले कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे और इसके बाद शिवसेना को समर्थन देने का फैसला लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं.
Ahmed Patel, Congress: The way President’s rule was recommended, I condemn it. This government has violated the SC guidelines on President’s rule on several occasions in in the last 5 years. #Mumbai #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/P25f8QDI9D
— ANI (@ANI) November 12, 2019
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज्यपाल द्वारा बहुमत साबित करने के लिए समय ना देने की अपनी बात दोहराई. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया लेकिन उन्होंने सरकार बनाने से मना कर दिया. अगले दिन हमें न्योता मिला लेकिन हमें केवल 24 घंटे दिए गए जबकि हमें 48 घंटों की जरूरत थी. राज्यपाल ने हमें 48 घंटे देने से मना कर दिया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि एनसीपी और कांग्रेस ने हमसे वक्त मांगा है और उनके साथ हमारी बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की विचारधारा भले ही अलग हों लेकिन हम साथ में काम करेंगे.
Uddhav Thackeray, Shiv Sena chief: BJP was invited by the Governor but they refused to form govt in the state. The next day we were given the invitation (by Governor), we were given only 24 hours time but we required 48 hours. But he (Maharashtra) didn’t give us 48 hours time. pic.twitter.com/0dbinykFWE
— ANI (@ANI) November 12, 2019
बीजेपी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी से ढाई-ढाई साल के सीएम के बात हुई थी और वे सत्ता के लोभी नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि आखिर बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती और नितीश कुमार के साथ मिलकर सरकार कैसे बनाई. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का विकल्प उन्होंने नहीं बल्कि बीजेपी ने खत्म किया.