देश में नया ट्राफिक कानून लागू होने के बाद लोग भारी जुर्माना से बचने के लिए लाइसेंस और गाड़ी के कागजात बनवाने से पीछे नहीं हट रहे. ऐसे में सबसे भारी जुर्माना बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना है इसलिए जो लोग बिना लाइसेंस अभी तक गाड़ी चला रहे थे वह अपना लाइसेंस बनवा रहे जिसकी वजह से पिछले एक महीने से आरटीओ आफिस में लोगों की भीड़ देखने को मिलती है. जिसको मद्देनजर रखते हुए गुजरात सरकार ने एक अहम फैसला लिया है.
इस फैसला के तहत अब गुजरात के तमाम आइटीआइ और पॉलिटेक्निक कॉलेज से लर्निंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। वाहन मालिकों व ट्रांसपोर्ट वाहनों का टैक्स अब ऑनलाइन भरा जाएगा इतना ही नहीं सरकार ने आरटीओ संबंधित सभी सेवाएं ऑनलाइन करने का भी फैसला किया है.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि कई साल से आरटीओ में भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायतें मिल रही थीं. इस संबंध में करीब 10 बार मंत्रिमंडल की बैठक की गई. इसमें विचार-विमर्ष के बाद तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. जिसमें राज्य के 16 चेकपोस्ट हटाने, आरटीओ की तमाम सेवाएं ऑनलाइन करने तथा अब आरटीओ में काम का बोझ कम करने के लिए आइटीआइ व पॉलिटेक्निक में से लर्निंग लाइसेंस बनवाने का ऐतिहासिक फैसला शामिल है.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य में हर साल 20 लाख से अधिक लर्निंग लाइसेंस बनाए जाते हैं. लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए कंप्यूटर से परीक्षा ली जाती है. इस परीक्षा के लिए केवल कंप्यूटर की आवश्यकता है. लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इसलिए राज्य के तमाम 221 आइटीआइ और 29 कंप्यूटर पॉलिटेक्निक से लर्निंग लाइसेंस बनवाए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 10 दिन का ट्रायल किया गया था. इस दौरान 13 हजार लोगों ने अर्जी की थी, जिसमें सात हजार लोगों को लर्निंग लाइसेंस मिला। इस व्यवस्था के कारण 15 नवंबर से लोग आइटीआइ और पॉलिटेक्निक से लर्निंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। इससे राज्य के 20 लाख लोगों को फायदा होगा।