24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से नयी सरकार को गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. भाजपा-शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन बारी बारी से मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए. जिसके बाद से शिवसेना, रांकापा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है. लेकिन इतने दिन से चलने वाली बातचीत का कोई अंत आता नजर नहीं आ रहा है और हर बैठक के बाद असमंजस की स्थिति में बढोत्तरी हो जाती है.
जहां कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच आज होने वाली बैठक टल गई है. वहीं एनसीपी नेताओं का कहना है कि आज कांग्रेस के कई नेता इंदिरा गांधी से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे में जो बैठक आज होनी थी अब वह कल होगी. शरद पवार और सोनिया गांधी की बैठक में ये फैसला हुआ था कि दोनों पार्टियों के नेता बैठक में बात कर आगे की रणनीति तय करेंगे.
शरद पवार का चौकाने वाला बयान
महाराष्ट्र में अगली सरकार की सूरत क्या होगी ये अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है. बीजेपी से अलग छिटक चुकी शिवसेना को अभी तक एनसीपी और कांग्रेस ने पूरी तरह स्वीकार किया है या नहीं ये पता नहीं चल रहा है. इस मसले को लेकर कल दिल्ली में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात की लेकिन उसके बाद भी उन्होंने ये ठोस संकेत नहीं दिया कि शिवसेना के साथ मिलकर वो कब तक सरकार बनाएंगे. शरद पवार ने बाहर आने के बाद ये कह कर सस्पेंस बढ़ा दिया कि सोनिया गांधी के साथ बातचीत में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई.
क्या है सीटों का गणित
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे. प्रदेश में कुल 288 विधानसभा की सीटें हैं, यहां बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. भाजपा ने इस चुनाव में कुल 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि शिवसेना ने 56 और एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस चौथे पायदान पर रही और उसने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बहरहाल देखने वाली बात यह है कि क्या एनसीपी-कांग्रेस जोकि शिवसेना की विचारधारा से बिल्कुल उलट है, वह सरकार बनाने में सफल होती हैं या नहीं. अगर होती है तो कब ?