महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक महीने बाद भी राज्य में नई सरकार का गठन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में हर दिन होने वाली सियासी गहमागहमी के बाद नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस की स्थिति विकराल रुप धारण करती हुई नजर आ रही है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भाजपा-शिवसेना ने साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन नतीजा आने के बाद मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए. ऐसे में अब शिवसेना, रांकापा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी नजर आ रही है लेकिन अभी तक नई सरकार को लेकर तस्वीर साफ नजर नहीं आ रही.
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन वाली महाराष्ट्र की पिछली सरकार ने अपने पांच साल पूरे किये थे. इन दोनों सियासी पार्टियों की सोच एक जैसी है विचारधारा के एतबार से हिन्दुत्व को लेकर आगे बढ़ने वाली शिवसेना ने एनडीए से अलग हो गई है. और बीजेपी पर हमला बोलते हुए अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि जब आपका जन्म नहीं हुआ था तब से हम हिन्दुत्व को लेकर चल रहे हैं. ऐसे में दोनों हिंदुत्व छवि वाली पार्टियों के बीच होने वाले मन मुटाव के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत को सामने आना पड़ा है.
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी झगड़े को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि स्वार्थ बहुत खराब बात है, लेकिन अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं. देश का उदाहरण लीजिए या व्यक्तियों का. नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सभी मनुष्य जानते हैं कि प्रकृति को नष्ट करने से हम नष्ट हो जाएंगे. लेकिन प्रकृति को नष्ट करने का काम थमा नहीं. सब जानते हैं कि आपस में झगड़ा करने से दोनों की हानि होती है, लेकिन आपस में झगड़ा करने की बात अभी तक बंद नहीं हुई.