गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 10 दोषियों को दी गई सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया है. इस केस में दोषियों के आरोप से दाखिल की गईं पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि साल 2003 में गुजरात के तत्कालीन मंत्री का मर्डर कर दिया गया था.
इस केस में दोषी करार दिए गए 12 लोगों में से 10 ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. जस्टिस अरुण मिश्रा और विनीत सरन की बेंच ने इन्हें खारिज कर दिया. बेंच ने अपने फैसले में कहा, ‘हमने पुनर्विचार याचिकाओं को देखा और हम मानते हैं कि जिस आदेश की समीक्षा की अपील की गई थी, उसमें किसी तरह की गलती नहीं है जिसके लिए पुनर्विचार किया जाए. इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है.
बता दें कि 26 मार्च, 2003 को अहमदाबाद में पांड्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई के अनुसार, 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए पांड्या की हत्या कर दी गई थी. इसी साल जुलाई में निचली कोर्ट के फैसले को बहाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 लोगों को दोषी करार दिया था.
मामले में असगर अली, मोहम्मद रऊफ, मोहम्मद परवेज अब्दुल कयूम शेख, परवेज खान पठान उर्फ अतहर परवेज, मोहम्मद फारूक उर्फ हाजी फारूक, शाहनवाज गांधी, कलीम अहमदा उर्फ कलीमुल्लाह, रेहान पुथवाला, मोहम्मद रियाज सरेसवाला, अनीज माचिसवाला, मोहम्मद यूनुस सरेसवाला और मोहम्मद सैफुद्दीन को दोषी करार दिया गया है.