विशाल मिस्त्री, राजपिपणा: गुजरात के नर्मदा जिला में मौजूद दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा यानी “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” की वजह से गुजरात का यह जिला पूरी दुनिया में महशूर हो चुका है. इतना ही नहीं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए हर दिन करीब 15,000 पर्यटक देश-विदेश से आते हैं इन पर्यटकों को लुभाने के लिए कई प्रोजेक्ट यहां पर शुरु किया गया है लेकिन इसी जिला के डेडीयापाडा, और सागबारा इलाके में रहने वाले लोगों को आज भी प्राथमिक सुविधाओं से महरुम रखा जा रहा है.
पिछले पांच टर्म से भरुच लोकसभा सीट के बीजेपी सांसद और आदिवासी नेता मनसुख वसावा यहां से भारी बहुमत के साथ कामयाबी हासिल करते हैं, लेकिन उन्ही के मतक्षेत्र के आंतरिक गांव में रोड-रास्ता, पानी स्कूल के साथ ही साथ प्राथमिक सुविधा भी लोगों को नहीं मिल रही है.
गुजरात के भरुच लोकसभा सीट के बीजेपी सांसद मनसुख वसावा लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखते हुए बताया कि गुजरात और नर्मदा जिला के आंतरिक गांव में रहने वाले लोग प्राथमिक सुविधा नहीं मिल रही है,रोड-रास्ता के साथ ही साथ स्कूल नहीं होने की वजह से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है इतना ही नहीं बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी नहीं मिल रहा है.क्योंकि वन समिति कानून की वजह से रोड रास्ता और स्कूल नहीं बन पा रहा है इतना ही नहीं इस कानून की वजह से सिंचाई के लिए कोई डेम भी नहीं बनाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि विकास संबंधी काम में किसी भी तरीके की देरी नहीं हो रही है लेकिन मेरे संसदीय क्षेत्र में और पूरे आदिवासी पट्टे में विकास को लेकर होने वाले कामकाज को लेकर अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. जिसकी वजह से क्षेत्र में रहने वाले लोग प्राथमिक सुविधाओं से वंचित नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को अभी तक वन भूमि का पट्टा अभी तक मिला नहीं है. इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि वन भूमि पट्टा का अधिकार दिया जाए और इलाके में रहने वाले लोगों को प्राथमिक सुविधा मुहैया करवाया जाए