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पियेगा गुजरात जीयेगा गुजरात: गांधी जी की स्कूल से पांच लाख का शराब जप्त

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गुजरात में हर तीन महीने में शराब को लेकर रामायण शुरू हो जाता है. कभी गृह विभाग की जांच विधायक क्वार्टर तक ले जाने की बात की जाती है, तो कभी दूसरे राज्य के मुख्यमंत्रियों के बयान पर निवेदन और प्रति-निवेदन का दौर चलता है. गुजरात में सरकार भले ही किसी भी पार्टी की हो लेकर कभी भी ये स्वीकार नहीं किया जाता कि गुजरात में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब मिलने कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन वास्तव शराब व्यापारी कानून की परवाह किये बिना पूरे राज्य में शराब के इस काले धंधे को खुलेआम कर रहे हैं.

ऐसे में शराबबंदी के इस नये अध्याय में गांधी के स्कूल में शराब मिलने का मामला सामने आया है. राजकोट में महात्मा गांधी के द्वारा स्थापित एक स्कूल से पांच लाख रुपये की शराब जब्त किया गया है. गांधीजी ने 1921 में इस स्कूल की स्थापना की थी. विदेशी अभ्यास पद्धति के विरोध में गांधी ने ‘नई तालीम’ अभ्यास पद्धति अपनाने को लेकर राजकोट में इस स्कूल की स्थापना की.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले महीने गुजरात में शराब के मुद्दे पर एक बयान दिया. इस बयान के बाद गुजरात की सियासी हवा काफी गर्म हो गई थी. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने उस समय कहा था कि “गुजरात में न तो शराब मिलता है न ही शराब पी जाती है” इस बयान के बाद राजनीति काफी गर्मा गई थी.

गुजरात के शराब व्यापारी मानों गुजरात सरकार को घोलकर पी लिया हो.ये बात सरकार के साथ ही साथ देश विदेश के लोगों को भी मालूम है कि गांधी के गुजरात में शराब मिलता है. लेकिन शराब व्यापारी गांधीजी स्थापित स्कूल भी नहीं छोड़ रहे. बैखोफ शराब व्यापारी पूरी जिंदगी शराब का विरोध करने वाले गांधी के स्कूल को ही शराब का अड्डा बना लिया.

वर्तमान की रुपानी सरकार में शराब- ड्रग्स के मामले सबसे ज्यादा पुलिस ने दर्ज किया है. गुजरात में मिलने वाले शराब की वजह से हमारा युवा धन हर दिन इस काली दुनिया के हाथों में जा रहा है और अपना भविष्य खराब कर रहा है. इतना ही नहीं नशे का काला कारोबार इस तरीके से गुजरात में अपनी जड़ जमा चुकी है कि छोटे बच्चे पैसे की कमी की वजह से व्हाइटनर जैसी चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. और पुलिस ऐसे मामले में सिर्फ कागजी कार्रवाई कर संतोष मान रही है.

गुजरात में हर दिन बढ़ते नशा के कारोबार से लगता है ‘उड़ता पंजाब’ को ओवर टेक करके गुजरात आगे निकल रहा है. जिस तरीके से गुजरात में आए दिन शराब को बरामद किया जा रहा है उसे देखकर ऐसा लगता है कि शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को ना ही सरकार से डर है और ना ही गुजारत में लागू शराबबंदी कानून से.