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इंजीनियर शनमुग ने बताया, विक्रम लैंडर के मलबे को उन्होंने किस तरह ढूंढा, इस कामयाबी से लोग होंगे प्रेरित

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चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा ढूंढ़ने वाले चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने नासा और इसरो दोनों को ही इस बारे में जानकारी दी थी. उसका कहना है कि केवल नासा ने ही उनके अलर्ट का जवाब दिया था. नासा ने मंगलवार को विक्रम लैंडर के मलबे की तस्वीर शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी. नासा ने इसके लिए शनमुगा सुब्रमण्यम को क्रेडिट भी दिया है

चंद्रयान 2 की लांचिंग के वक्त हादसे का शिकार हुए विक्रम लैंडर के मलबे को आखिर ढूंढ निकाला गया है. करीब तीन महीने बाद विक्रम लैंडर का मलबा चांद की सतह पर मिला है. इसे ढूंढने में सबसे बड़ी भूमिका चेन्नई के एक इंजीनियर ने निभाई है.

पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकालने में अहम भूमिका निभाई. बता दें कि चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद से विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया था.

अपनी इस खास उपलब्धि पर शनमुग ने कहा कि मुझे चांद की सतह पर कुछ अलग सा दिखा, मुझे लगा कि ये विक्रम लैंडर का मलबा ही होगा. फिर आज नासा ने भी इसकी पुष्टि कर दी. उन्होंने कहा, मैंने 4-5 दिन तक रोजाना 7-8 घंटे इसमें लगाए. सही जानकारी के साथ इसे कोई भी कर सकता था. इससे कई लोग प्रेरित होंगे.

बता दें कि शनमुग सुब्रमण्यम एक मैकेनिकल इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं जो लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर चेन्नई में काम करते हैं. मदुरई के रहने वाले शनमुग सुब्रमण्यम इससे पहले कॉग्निजेंट में प्रोग्राम एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुके हैं.