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JNU के बाद गांधीनगर में लगा आजादी का नारा, पिछले तीन दिनों छात्र कर रहे हैं आंदोलन

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गांधीनगर: बिन सचिवालय परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी और परिक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र पिछले तीन दिनों से गुजरात की राजधानी गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र अपनी मांगों को लेकर गांधीनगर में डंटे हुए हैं. इसलिए गांधीनगर अब दिल्ली में तब्दील हो गया है. इंसाफ की मांग कर रहे छात्रों के समर्थन में कांग्रेस के कई नेता भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में जहां कल तक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर गांधीनगर गूंज रहा था वहीं अब आजादी के नारे से गांधीनगर गूंज रहा है.

सत्याग्रह छावनी में इंकलाब-जिंदाबाद के लगे नारे

लगातार तीन दिनों से परीक्षार्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. सरकार को छात्रों के विरोध का सामना न करना पड़े इसलिए बंद दरवाजे के अंदर छात्र नेताओं के साथ बैठक कर एसआईटी की रचना का ऐलान किया था. लेकिन एसआईटी के गठन के बाद भी छात्र गांधीनगर में भूख-प्यासे इंसाफ की मांग को लेकर डंटे हुए हैं. ऐसे में नये नवेले छात्र नेता युवराज के मैदान छोड़ने के बाद अब कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के हौसला अफजाई के लिए मैदान संभाल रहे हैं. हार्दिक पटेल, सीजे चावड़ा, वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित लोगों ने छात्रों से विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए जमकर नारेबाजी की.”हम लेकर रहेंगे आजादी, तुम कुछ भी कर लो ….. देश से मांगे आज़ादी … मैं भी बोलूं … तुम भी बोलो, … हम छीन के लेंगे… इंकलाब ज़िंदाबाद के नारे लगाए.

न्याय के लिए धरना

गौण सेवा पसंदगी मंडल बोर्ड की बिन सचिवालय परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी के विरोध में पिछले तीन दिनों से हजारों की तादाद में छात्र गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा छात्रों का साथ देने के बजाय सरकार के लॉलीपॉप को लेकर छात्रों को रात में भूखा-प्यासा छोड़कर फरार हो गए. लेकिन युवराज और सरकार के एसआईटी के ऐलान के बाद भी छात्रों ने आंदोलन को खत्म नहीं किया और मांग करते हुए कहा कि परीक्षा रद्द करने के सिवा हमें कुछ नहीं चाहिए. युवराज के साथ छोड़ने के बाद देर रात जब छात्र अकेल थे ऐसे में कांग्रेस ने समर्थन का ऐलान किया. नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने खुद खाना बनाया और आंदोलनकारियों को खिलाया और उन लोगों के साथ ही सो गए. बिन सचिवालय कलार्क की 3910 पदों के लिए 6 लाख से ज्यादा छात्रों ने 17 नवंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा में हिस्सा लिया था. लेकिन गुजरात के कई हिस्सों में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की खबर मिलने के बाद पिछले तीन दिनों से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र आंदोलन कर रहे हैं.