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POSCO एक्ट में रेप के दोषी को दया याचिका की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए: राष्ट्रपति

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देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि पॉक्सो एक्ट में सजायाफ्ता को माफी नहीं मिलनी चाहिए. ऐसे मामलों में दया याचिका का प्रावधान खत्म हो. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि संसद को दया याचिकाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए.

राष्ट्रपति ने राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘महिला सुरक्षा एक गंभीर मसला है. पॉक्सो अधिनियम के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए.

राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. पुलिस आरोपियों को क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन करने के लिए ले गई थी. जहां उन्होंने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. आत्मरक्षा में पुलिस ने उनपर गोलियां चलाईं. जिसमें उनकी मौत हो गई.

इस घटना ने 16 दिसंबर, 2012 में हुए निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी. निर्भया के आरोपियों को अदालत ने मौत की सजा सुना दी है. इसी बीच निर्भया के चार आरोपियों में से एक आरोपी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की है.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार भी 23 साल के विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश गृह मंत्रालय को कर चुकी है. इस याचिका को खारिज करते हुए कहा गया है कि निर्भया मामले के जघन्य अपराधी शर्मा की दया याचिका को खारिज किया जाए. मामले के दोषी ने राष्ट्रपति से दया याचिका की मांग की है.

राष्ट्रपति ने कहा- समानता और सामंजस्य भरे समाज का निर्माण महिला सशक्तिकरण से ही संभव है. इस मुद्दे पर काफी काम हो चुका है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा, “लड़कियों पर होने वाले ऐसे राक्षसी हमलों से देश का हृदय दहल जाता है. यह हर माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बेटों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं.”