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अशांत धारा कानून का विस्तार, गुजरात के एक और क्षेत्र में लागू

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गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अशांत धारा कानून को एक बार फिर से सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस बार इस कानून को संशोधित कर इसे आपराधिक बना दिया गया है. इस कानून के तहत अशांत क्षेत्र में मौजूद संपत्ति को अब बेचने और खरीदने से पहेल कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उस व्यक्ति को 3 से 5 साल की सजा या जुर्माना हो सकता है. गुजरात में इस कानून को 1991 में लागू किया गया था. आज से 29 वर्षों पहले इस कानून को कुछ इलाकों में लागू किया गया था लेकिन धीरे-धीरे इस कानून के हद में 129 से अधिक इलाके शामिल हो गए हैं. अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा गोधरा, हिम्मतनगर और भरूच जैसे कई इलाकों में लागू करने के बाद अब गुजरात सरकार ने आणंद शहर के कुछ इलाकों में लागू करने का आदेश जारी कर दिया है.

इस कानून के तहत कोई भी मुसलमान किसी भी हिंदू इलाके में घर, दुकान या जमीन नहीं खरीद सकता है. यही कानून हिंदुओं पर भी लागू होता है. इस बिल को विधानसभा के पिछले बजट सत्र के दौरान पेश करते हुए, जहां भाजपा ने दावा किया कि कानून को कड़ा करने के बाद जबरदस्ती संपत्ति की खरीदो-फरोख्त पर काबू पाया जाएगा. वहीं इस बिल को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना था कि गुजरात सरकार जब दावा कर रही है कि गुजरात में शांति और भाईचारा है तो फिर इस कानून को सख्त बनाकर कर एक बार फिर से क्यों लागू कर दिया. लेकिन इन सभी से बिल्कुल हटकर अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता इस कानून को काला कानून बता रहे हैं. इतना ही नहीं गुजरात में लागू अशांत धारा कानून को लेकर गुजरात हाईकोर्ट के वकील उवैश मलिक का कहना है कि ये हिन्दुस्तान के नागरिकों को मिलने वाले संवैधानिक अधिकार का हनन करता है इसलिए इसे कानून कहना है गलत है. वहीं दूसरे कुछ लोग बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहते हैं कि जब केन्द्र की बीजेपी सरकार जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाकर जम्मू-कश्मीर को समान दर्जा देने का दावा कर रही है तो फिर गुजरात में ऐसा कानून दिन ब दिन नये नये इलाकों में लागू कर हिन्दू और मुस्लिमों के बीच दूरियों की खाईयां क्यों बढ़ा रही है.

गौरतलब हो कि अशांत धारा कानून अब आणंद के कुछ इलाकों में भी मुख्यमंत्री के आदेश के बाद से लागू कर दिया गया है जिसमे नया बस स्टैंड, सी.पी. कॉलेज, 100 फुट रोड, रॉयल प्लाजा, इंदिरा स्टैच्यू,जैन सोसाइटी, महावीर पार्क, महावीर सोसायटी, आनंद विद्यानगर रोड, टाउन हॉल, पंचाल हॉल हैं. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को अपनी जमीन दुकान मकान को अब बेचने से पहले कलेक्टर से मंजूरी लेनी होगी.

गुजरात सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आणंद के जिन इलाकों अशांत धारा कानून लगाया गया है वहां पर पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा हो चुके हैं. इतना ही नहीं इन क्षेत्रों में कई धार्मिक स्थल भी हैं, जिसकी वजह से भविष्य में सांप्रदायिक अशांति पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसलिए तमाम समुदाय के लोगों में एकता और शांति बना रहे इसलिए इस कानून को लागू करने का फैसला लिया गया है.