उन्नाव की रेप पीड़िता जिसे बीते 5 दिसंबर को एयरलिफ्ट के जरिए गंभीर हालत में लखनऊ से दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल लाया गया था, ने शुक्रवार (6 दिसंबर) रात को दम तोड़ दिया. उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय एक युवती को 5 दिसंबर तड़के उस समय घटना हुई थी जब वह कोर्ट में पेशी के लिए जा रही थी. इस बीच बेटी की मौत की खबर से रेप पीड़िता के पिता सदमे में हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों का हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों जैसा एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए.
अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ”हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. शाम में उसकी हालत खराब होने लगी. रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा. हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई.”
5 दिसंबर को जिंदा जलाए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था. उसे लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था.
हालांकि 90 प्रतिशत से भी ज्यादा जल चुकी यूपी की इस ‘निर्भया’ ने आखिरी वक्त तक भी हार नहीं मानी थी. गुरुवार रात 9 बजे तक वह होश में थी. जब तक होश में थी कहती रही- मुझे जलाने वालों को छोड़ना मत. फिर नींद में चली गई, डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, वेंटिलेटर पर रखा लेकिन वो नींद से नहीं उठी. और फिर ….. दुनिया छोड़ कर चली गई. न्याय की जंग लड़ते-लड़ते एक और निर्भया जिंदगी की जंग हार गई.