Gujarat Exclusive > गुजरात > बिन सचिवालय परीक्षा चौथे दिन भी चालू रहा आंदोलन, परीक्षा रद्द करने की मांग हुई तेज

बिन सचिवालय परीक्षा चौथे दिन भी चालू रहा आंदोलन, परीक्षा रद्द करने की मांग हुई तेज

0
492

गांधीनगर: बिन सचिवालय परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र गांधीनगर में लगातार चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. भले ही गुजरात सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया हो लेकिन परीक्षार्थी न्याय की अपनी मांग के लेकर अब भी डटे परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. और दावा कर रहे हैं कि जब तक परीक्षा रद्द करने का ऐलान नहीं किया जाएगा तब तक गांधीनगर से नहीं हटेंगे. छात्र नेता युवराज सिंह जडेजा गुजरात सरकार से हाथ मिला चुके हैं. बावजूद इसके छात्र अपनी मांगों पर अब भी कायम हैं. इस बीच कांग्रेस ने भी आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए 9 दिसम्बर से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र में इस मामले को लेकर सरकार को घेरने का ऐलान किया.

एक्टिविस्टों ने भी आंदोलन में लिया हिस्सा

बिन सचिवालय परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलनकारी छात्र, कांग्रेस के बाद अब एक्टिविस्ट भी मैदान में नजर आ रहे हैं, महिला अधिकार को लेकर काम करने वाली चंद्रिका सोलंकी छात्रों के सामर्थन में गांधीनगर पहुंची और छात्रों से आंदोलन जारी रखने का अपील करते हुए गुजरात सरकार को हिटलटर वाली सरकार बताया. इतना ही नहीं उन्होंने जमकर नारी शक्ति और तानाशाह सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी किया.गौरतलब हो कि चंद्रिका सोलंकी अलग-अलग मांग को लेकर वड़ोदरा में 24 दिनों तक कलेक्टर आफिस के बाहर पहड़ताल पर बैठ चुकी है. लगातार चार दिनों से भूखे-प्यासे गांधीनगर में डटे छात्रों के समर्थन में परेश धानानी के बाद आज कांग्रेसी एम एल ए इमरान खेड़ावाला और नौशाद सोलंकी भी छात्रों के साथ आंदोलन करते हुए नजर आए.

 

9 दिसंबर को विपक्ष सरकार को घेरने की करेगी कोशिश

गुजरात कांग्रेस के विधायक अगले विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं. 9 दिसंबर से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस महिला सुरक्षा, परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी, फसल बीमा योजना जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.

परीक्ष रद्द करने की मांग

गौण सेवा पसंदगी मंडल बोर्ड की बिन सचिवालय परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी के विरोध में पिछले चार दिनों से हजारों की तादाद में छात्र गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा छात्रों का साथ देने के बजाय सरकार के लॉलीपॉप को लेकर छात्रों को रात में भूखा-प्यासा छोड़कर फरार हो गए. लेकिन युवराज और सरकार के एसआईटी के ऐलान के बाद भी छात्रों ने आंदोलन को खत्म नहीं किया और मांग करते हुए कहा कि परीक्षा रद्द करने के सिवा हमें कुछ नहीं चाहिए. युवराज के साथ छोड़ने के बाद देर रात जब छात्र अकेल थे ऐसे में कांग्रेस ने समर्थन का ऐलान किया. नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने खुद खाना बनाया और आंदोलनकारियों को खिलाया और इन लोगों के साथ ही सो गए. बिन सचिवालय कलार्क की 3910 पदों के लिए 6 लाख से ज्यादा छात्रों ने 17 नवंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा में हिस्सा लिया था. लेकिन गुजरात के कई हिस्सों में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की खबर मिलने के बाद पिछले तीन दिनों से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र आंदोलन कर रहे हैं.