सोमवार से गुजरात विधानसभा का तीन दिवसीय अल्पकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. ये सत्र इसलिए भी तूफानी होगा क्योंकि एक तरफ जहां गुजरात सरकार कई बिल को पास करवाने की कोशिश करेगी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस बिन सचिवालय परीक्षा गड़बड़ी, महिला सुरक्षा, और फसल बीमा जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. और इसके लिए कांग्रेस ने बाकायदा रणनिति भी बना चुकी है.
हंगामे की संभावना
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा आंदोलन कर रहे छात्रों से मुलाकात कर ऐलान किया था कि इस मामले को जहां छात्र सड़क पर उठा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हम इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने वाले हैं. बताया जा रहा है कि बिन सचिवालय परीक्षा के मामले को लेकर कांग्रेस विधानसभा का जहां घेराव करने का प्लान बना रही है. वहीं विधानसभा के अंदर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की कांग्रेसी विधायकों को नसीहत दी गई है. सत्र के चलते शनिवार को कामकाज समिति की बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस ने विधानसभा कार्यकाल को बढ़ाने की मांग भी किया है.
दुष्कर्म और फसल को नुकसान का मामला गूंजेगा
इसके अलावा विधानसभा में राजकोट, वडोदरा और सूरत और अहमदाबाद में होने वाले दुष्कर्म मामला के साथ-साथ बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसल जिस तरह से बरबाद हुई है, उस पर भी विपक्ष के तेवर तीखे हो सकते हैं.
पहले दिन दिलीप परीख को श्रद्धांजलि
सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री दिलीप परीख को श्रद्धांजलि दी जाएगा. दूसरे दिन बैठक में 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. वहीं 10 नवम्बर को कई विधेयक पर चर्चा और वोटिंग होने की उम्मीद जताई जा रही है.
मुख्यमंत्री रुपानी ने बोला हमला
बीजेपी जहां इस सत्र में कई अहम बिल पास कराने की कोशिश करेगी वहीं कांग्रेस के पास भी कई मुद्दे हैं जिसको लेकर सरकार का घेराव किया जा सकता है. इसलिए कामकाज समिति की मीटींग में कांग्रेस ने सत्र के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है. वहीं कांग्रेस ने ऐलान भी किया है कि 9 तारीख को विधानसभा घेराव किया जाएगा. इस मामले को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं इसलिए ऐसे मुद्दों को उठाकर अपनी साख बचाने की कोशिश कर रही है.