गांधीनगर में कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार के खिलाफ किये गए विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी दिखाई दी. जिसमें 5 कार्यकर्ता विधानसभा तक पहुंचने में सफल रहे. जबकि गांधीनगर पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा, अर्जुन मोढवाडिया, सिद्धार्थ पटेल जैसे बड़े नेताओं के साथ ही साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. लेकिन आज सुबह से ही ज्यादातर कार्यकर्ताओं का सवाल था कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन से युवा नेता बनकर कांग्रेस में शामिल होने वाले हार्दिक पटेल इस रैली या विरोध प्रदर्शन में क्यों नहीं दिखे?
वैसे तो हार्दिक पटेल सौराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में अक्सर विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं, इस दौरान वह अपने आपको कांग्रेस नेता के बजाय खुद को युवा नेता के तौर पर पेश करते हैं. लेकिन जब कांग्रेस हजारों की संख्या में युवाओं को इंसाफ देने के लिए लामबंद हुई और विधानसभा का घेराव किया ऐसे मौके पर हार्दिक की गैर मौजूदगी से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.
इस सिलसिले में एक कार्यकर्ता ने कहा कि हार्दिक पटेल केवल राजनीतिक समर्थन पाने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं. हार्दिक को अब पाटीदार समाज में जगह नहीं मिलती ऐसे में अगर हार्दिक पटेल को वास्तव में अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखना है तो उन्हें कांग्रेस में सक्रिय होना पड़ेगा.
वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिलने वाली खबर के अनुसार हार्दिक पटेल राजस्थान में होने वाले प्रोग्राम में शामिल होने के लिए पहले से ही वादा कर चुके थे. जिसकी वजह से आज होने वाले आंदोलन में उपस्थित नहीं हो सके. लेकिन सवाल ये उठता है कि जब कांग्रेस अपनी सबसे बड़ी शक्ति प्रदर्शन कर रही है, तो पार्टी के युवा नेता गायब क्यों? क्या पार्टी से ज्यादा जरूरी काम था?