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सांसद आंद्रे कार्सन के बाद अब अमेरिका ने की अपील, भारत के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हो रक्षा

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अमेरिकी सांसद आंद्रे कार्सन ने नागरिका संशोधन बिल को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बिल मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश है. वहीं अब अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ने कहा, हम नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हो रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. धार्मिक आजादी और समानता का व्यवहार दोनों लोकतांत्रिक देशों के मूल सिद्धांतों में शामिल है.

गौरतलब हो कि नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर लगने के बाद कानून बन गया. इस कानून के तहत, अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. अमेरिका ने कहा है कि भारत को अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा करनी चाहिए.

अमेरिका भारत से अपील करता है कि वह अपने संवैधानिक मूल्यों के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिफाजत करे. अमेरिका के विदेश मंत्रालय और विदेश नीति पर प्रभाव रखने वाली विदेश मंत्रालय समिति ने भी बिल को लेकर ट्वीट किया था और इसे नागरिकता के लिए धार्मिकता परीक्षण करार दिया था.

हाउस फॉरेन अफेयर्स कमिटी ने इसी सप्ताह बिल के बारे में ट्वीट किया था और इसे नागरिकता के लिए धार्मिकता परीक्षण करार दिया था. कमिटी ने कहा था, भारत और अमेरिका दोनों की नींव धार्मिक विविधता पर ही रखी गई है और दोनों देशों के समान मूल्य हैं. नागरिकता के लिए किसी भी तरह का धार्मिकता टेस्ट इस लोकतांत्रिक तानेबाने को कमजोर करेगा.