Gujarat Exclusive > देश-विदेश > सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जामिया हिंसा मामला, कानून हाथ में नहीं ले सकते छात्र : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जामिया हिंसा मामला, कानून हाथ में नहीं ले सकते छात्र : सुप्रीम कोर्ट

0
403

नागरिकता संशोधन कानून पर जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की याचिका पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले की कल सुनवाई करेगी लेकिन उससे पहले हिंसा रुकनी चाहिए जयसिंह ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे के सामने दलील रखी कि पूरे देश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं और अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हैं.

मंगलवार को होगी मामले की सुनवाई

चीफ जस्टिस की बेंच के सामने याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा हिंसा का कथित विडियो होने की भी बात कही। इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कोर्ट रूम है, यहां शांति से अपनी बात रखनी होगी. चीफ जस्टिस ने कहा, ‘हम इस मामले पर सुनवाई कल (मंगलवार) करेंगे, लेकिन पहले हिंसा रुकनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि छात्र हैं, इसलिए उन्हें हिंसा करने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

अगर प्रदर्शन एवं हिंसा हुई तो मामले की नहीं होगी सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय उन याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है जिनमें नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के आरोप लगाए गए हैं। पीठ ने कहा, हम बस इतना चाहते हैं कि हिंसा बंद हो जानी चाहिए.’ साथ ही पीठ ने कहा ने कहा कि अगर प्रदर्शन एवं हिंसा हुई और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया तो हम इस मामले को नहीं सुनेंगे.