नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर से बसपा प्रमुख मायावती का बयान आया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसे वापस लिए जाने की सरकार से मांग की है. मायावती ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं, अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. सरकार को आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसा कि कांग्रेस ने पहले किया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मायावती ने कहा कि बसपा की संसदीय पार्टी ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है. हमारी पार्टी ने नागरिकता कानून के खिलाफ और महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी अपनी आवाज उठाई है.
Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati: BSP’s parliamentary party has also sought time to meet the President. Our party will also raise our voices in the UP assembly, against #CitizenshipAmendmentAct, & crimes against women. https://t.co/MOCpUeQCv8
— ANI UP (@ANINewsUP) December 17, 2019
इससे पहले सोमवार को मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर अलीगढ़ और जामिया में हुए हिंसा पर दुख जताया था. उन्होंने ट्वीट किया- ‘नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आम लोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है.
उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आन्दोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बता के सम्बंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी का संसदीय दल राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय की मांग की है.