सावधान इंडिया के होस्ट और अभिनेता सुशांत सिंह को नागरिकता कानून के खिलाफ आवाज उठाने के बाद शो से हटना पड़ा. वहीं अब अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को हरियाणा के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन से बाहर कर दिया गया है. नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर उनके द्वारा किए गए पिछले कुछ ट्वीट्स को इस निर्णय की वजह बताया जा रहा है. अभिनेत्री ने 17 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, “जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है.
If this is what’s gonna happen everytime a citizen expresses their view, forget #CAB, we should pass a bill and not call our country a democracy anymore! Beating up innocent human beings for speaking their mind? BARBARIC.
— Parineeti Chopra (@ParineetiChopra) December 17, 2019
परिणीति के अलावा बॉलीवुड की कई हस्तियों ने भी इस कानून के खिलाफ अपने विचार जाहिर किए हैं. इन हस्तियों में अजय देवगन, फरहान अख्तर, मानव कौल, आयुष्मान खुराना, स्वरा भाष्कर, सुशांत सिंह, आलिया भट्ट, वरुण धवन और राजुकुमार राव प्रमुख हैं. वहीं जाने माने फिल्म निर्देश महेश भट्ट ने भी इस कानून को संविधान के खिलाफ बताया है.
परिणाति चोपड़ा को अगर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के ब्रांड एम्बेसडर पद से हटा दिया गया है, तो वहीं सुशांत सिंह को भी अपने कार्यक्रम सावधान इंडिया से हाथ धोना पड़ा है. सुशांत सिंह ने इसे सच बोलने की एक छोटी सी कीमत बताया है.
परिणीति को ब्रांड एम्बेसडर के पद से हटा दिए जाने के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार की आलोचना की है.
खट्टर साहब हरियाणा की बेटियां पढ़ी लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार व्यक्त करने का साहस रखने वाली भी।
उन्हें ब्रांड ऐम्बैसडर से हटा कर और बोखला कर आप उनकी आवाज़ नही दबा सकते।
और जजपा चुप क्यों है?
कितनों की आवाज दबाओगे और आखिर कब तक?https://t.co/Wah61i4Gue
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 19, 2019
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘खट्टर साहब हरियाणा की बेटियां पढ़ी लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार अभिव्यक्त करने का साहस भी है उनमें. उन्हें ब्रांड एम्बेसडर से हटाकर और बौखलाकर आप उनकी आवाज दबा नहीं सकते. कितनों की आवाज दबा पाएंगे और आखिर कब तक?’