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बीजेपी के हाथ से गया झारखंड, कौन सी 10 सीटें जिस पर सभी की नजरें टिकी

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झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजे के अभी तक आए रुझानों से साफ पता चलता है कि बीजेपी और आजसू मिलकर चुनाव लड़तीं तो सूबे की सियासी तस्वीर दूसरी होती और स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में विराजमान होती. झारखंड चुनाव के आए रुझानों में बीजेपी को 35 सीटों पर बढ़त मिली है तो आजसू 7 सीटों पर आगे चल रही है. आईये जानते हैं कौन सी 10 सीटों पर लोगों की नजर बनी हुई हैं. और इन दस सीटों को इतना अहम क्यों माना जा रहा है.

1. जमशेदपुर पूर्वी

पूर्वी जमशेदपुर सीट पर बीजेपी के बागी सरयू राय ने सीएम रघुबर दास को पीछे छोड़ दिया है. हर राउंड के साथ यहां दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिल रही है. बीजेपी ने सरयू राय का टिकट काटा तो उन्होंने बगावत करते हुए रघुबर के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया. वहीं चर्चित कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी यहां से रघुबर को चुनौती दे रहे हैं. गौरव वल्लभ वही शख्स हैं, जिन्होंने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा से एक टीवी डिबेट के दौरान पूछा था कि 5 ट्रिल्यन में कितने जीरो होते हैं. उसके बाद वह चर्चाओं में आ गए थे. लेकिन रुझानात में वह तीसरे पायदान पर खिसकते हुए नजर आ रहे हैं.

2. बरहेट

बरहेट सीट पर पूर्व सीएम और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन आगे चल रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में दुमका में हार के बावजूद जेएमएम के पास यह गढ़ बरकरार रहा था. सोरेन को जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन की तरफ से सीएम फेस के रूप में देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने यहां बीजेपी कैंडिडेट सिमोन मालतो के लिए रैली की थी. ऐसे में यहां का मुकाबला दिलचस्प है. और मोदी के मेहनत पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है.

3. दुमका

जेएमएम के सोरेन परिवार का गढ़ मानी जाने वाली संथाल क्षेत्र की इस सीट पर हेमंत सोरेन शुरुआती राउंड में पिछड़ने के बाद आगे हो गए हैं. उनका मुकाबला रघुबर सरकार में मंत्री लुइस मरांडी से है. पिछली बार वह इस सीट से हार गए थे. लोकसभा चुनाव में जेएमएम चीफ शिबू सोरेन भी दुमका से हार गए थे.

4. धनवार

धनवार सीट पर आदिवासी नेता और झारखंड विकास पार्टी (जेवीएम) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी आगे चल रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के लक्ष्मण प्रसाद सिंह से है. पिछला चुनाव भी मरांडी यहां से हार गए थे. ऐसे में उनकी जीत-हार पर पार्टी का भविष्य टिका है.

5. रांची

रांची सीट से रघुबर दास सरकार में मंत्री सीपी सिंह लगातार जीतते रहे हैं. सीपी सिंह इस सीट पर 26 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं. रांची सीट पर इस बार कम वोटिंग हुई थी. जेएमएम की महुआ माजी से सीपी सिंह को चुनौती मिल रही है.

6. सिल्ली

सिल्ली सीट इस चुनाव की हॉट सीटों में से है. ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन पार्टी (एजेएसयू) के अध्यक्ष सुदेश महतो यहां जेएमएम की सीमा देवी से काफी आगे चल रहे हैं. एजेएसयू पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा है. पिछले चुनाव और उपचुनाव में वह यहां से हार गए थे. हालांकि पहले वह इस सीट से लगातार जीतते रहे हैं. ऐसे में उनके राजनीतिक करियर के लिए नतीजा अहम है.

7. मांडू

मांडू सीट पर तीन भाइयों की टक्कर पर हर किसी की नजर टिकी है. रुझानों में यहां एजेएसयू पार्टी के निर्मल महतो जेएमएम के राम प्रकाश भाई पटेल से आगे चल रहे हैं. चुनाव के ऐलान के बाद जयप्रकाश भाई पटेल ने जेएमएम छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. वहीं, बड़े भाई रामप्रकाश भाई पटेल ने जेएमएम जॉइन कर ली. चचेरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल को जेवीएम ने प्रत्याशी बनाया है.

8. डालटनगंज

डालटनगंज सीट पर कांग्रेस के चर्चित कैंडिडेट केएन त्रिपाठी पर बीजेपी के आलोक चौरसिया ने शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारी बढ़त बना ली है. पहले चरण के मतदान के दौरान इस सीट पर काफी बवाल हुआ था. बीजेपी कैंडिडेट आलोक चौरसिया के समर्थकों से झड़प के दौरान कांग्रेस कैंडिडेट केएन त्रिपाठी ने यहां एक पोलिंग बूथ पर पिस्तौल लहराई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है. पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी के आलोक चौरसिया जीते थे.

9. झरिया

धनबाद की यह सीट चर्चित सिंह मेंशन के बाहुबली सूर्यदेव सिंह की पारिवारिक जंग की वजह से हॉट सीटों में से एक है. यहां से कांग्रेस कैंडिडेट पूर्णिमा सिंह आगे चल रही हैं. जहां एक ओर सूरजदेव सिंह की बहू रागिनी सिंह को बीजेपी ने उतारा है, वहीं उनके खिलाफ सूरजदेव सिंह के भाई राजनारायण सिंह की बहू पूर्णिमा सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. पिछले चुनाव में रागिनी के पति संजीव और पूर्णिमा के पति नीरज आमने-सामने थे, जिसमें संजीव को जीत मिली थी. कुछ महीने बाद नीरज की हत्या से पारिवारिक विवाद चरम पर पहुंच गया.

10. चक्रधरपुर

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा यहां जेएमएम कैंडिडेट सुखराम उरांव से लगातार पीछे चल रहे हैं. यह सीट चुनावों में काफी चर्चित रही. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां रैली में कई बार राम मंदिर का जिक्र किया था. जेएमएम ने यहां शशिभूषण सामद का टिकट काटकर सुखराम उरांव को टिकट दिया तो समद बागी हो गए.