ओडिशा, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक , महाराष्ट्र और दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में गुरुवार को सूर्यग्रहण दिखा. इसे दशक का आखिरी सूर्यग्रहण कहा जा रहा है. पृथ्वी और सूरज के बीच चंद्रमा के गुजरने की वजह से होने वाला सूर्य ग्रहण गुरुवार को सुबह 8 बज कर 17 मिनट पर शुरू हुआ और 10 बज कर 57 मिनट तक चला.
पीएम ने देखा सूर्य ग्रहण,ट्वीट कर बताया अनुभव
देश भर में करोड़ों लोगों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सूर्य ग्रहण के नजारे देखे. उन्होंने इसकी तस्वीरें भी ट्वीट कीं. पीएम ने लिखा, ”तमाम भारतीयों की तरह मैं भी सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साहित था. लेकिन बादल की वजह से सूर्य को नहीं देख सका. लेकिन मैंने कोझिकोड और देश के दूसरे हिस्सों में इसे लाइव स्ट्रीम पर देखा. इस विषय पर एक्सपर्ट्स से बात करके अपने ज्ञान को भी बढ़ाया.
PM Modi tweets,”Like many Indians, I was enthusiastic about #SolarEclipse. Unfortunately, I could not see Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of eclipse in Kozhikode & other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts.” pic.twitter.com/s97rELVuMW
— ANI (@ANI) December 26, 2019
विशेषज्ञों के मुताबिक तीन तरह के सूर्यग्रहण होता है. आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्यग्रहण. सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को सीधे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इससे आंखों को नुकसान हो सकता है.
सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है. सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलीय स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है. वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चांद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है. इस कारण से उसका आकारा इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले. वलयाकार सूर्यग्रहण में चांद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफी चमकदार नजर आने लगता है.