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राजस्थानः कोटा के अस्पताल में 24 दिनों में 77 बच्चों की मौत, अस्पताल प्रशासन ने जांच का दिया आदेश

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गुजरात में शराबबंदी कानून को लेकर बहसबाजी के बाद आरोप-प्रत्यारोप लगाकर बड़े-बड़े दावे करने वाले अशोक गहलोत के राज्य राजस्थान से एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है, राजस्थान के कोटा में मौजूद जेके लोन सरकारी अस्पताल में पिछले 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. लेकिन राज्य सरकार ने इसे जिला प्रशासन की असफलता मानकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है.

राजस्थान को कोटा स्थित जेके लोन सरकारी अस्पताल में पिछले 24 दिनों में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि, तथ्य यह भी है कि पिछले छह सालों से इस अस्पताल में हर साल एक हजार से अधिक बच्चों की मौत हो रही है. पिछले छह सालों में इस अस्पताल में साढ़े छह हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.

अस्पताल अधिकारियों की तरफ से यह बताया गया है कि छह बच्चे की 23 दिसंबर को मौत हुई, जबकि 24 दिसंबर को 4 बच्चों ने दम तोड़ दिया. मरने वालों में पांच बच्चियां और इतने ही बच्चे हैं. इनकी उम्र एक दिन से लेकर एक साल के बीच है.

अस्पताल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

जेके लोन अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एचएल मीना ने दस बच्चों की दो दिन में हुई मौत पर सफाई देते हुए कहा कि कोटा डिवीजन में यह मां और बच्चे का सबसे बड़ा सरकारी रेफरल अस्पताल है. यहां पर पड़ोसी जिले भिलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के लोगों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है.

उन्होंने कहा- “ज्यादातर शिशु और बच्चों को अंतिम स्थिति में प्राइवेट या फिर सरकार हेल्थ सेंटर्स से रेफर किया जाता है, जिसके चलते औसतन रूप से रोजाना एक शिशु की मौत हो जाती है. कई दिन ऐसे भी हुए जब एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। इसलिए, दो दिन में दस बच्चों की मौत हालांकि ज्यादा है लेकिन यह असामान्य नहीं है.”