सदी के महानायक कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं बावजूद इसके उन्होंने आज राष्ट्रपति भवन में होने वाले सम्मान समारोह में हिस्सा लिया इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हे दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया पुरस्कार पाने के बाद अमिताभ बच्चन ने कहा कि क्या दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने का मतलब है कि अब काम पूरा हो चुका है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने के बाद अमिताभ बच्चन ने मजाकिया अंदाज भी दिखाया. उन्होंने धन्यवाद संबोधन के दौरान कहा ‘यह पुरस्कार देने की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई. मुझे बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करते हुए भी करीब 50 साल हो गए हैं. ऐसे में यह पुरस्कार की घोषणा के समय मेरे मन में यह बात आई कि क्या यह पुरस्कार देकर मुझे यह भी संकेत देना है कि भाई बस कर अब बहुत काम हो गया.’
Delhi: Veteran actor Amitabh Bachchan to be shortly conferred with the Dadasaheb Phalke Award by President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/L5qJzjtoZg
— ANI (@ANI) December 29, 2019
1954 से राष्ट्रपति ही देते आए पुरस्कार
सिनेमा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत में दिए जाने वाले सबसे बड़े सम्मान यानी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पहली बार 1954 में दिए जाने शुरू हुए। तब से परंपरा यही रही कि ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति एक नियत दिन पर दिल्ली में सभी विजेताओं को वितरित करते हैं। सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरण के एक दिन पहले दिल्ली पहुंचना होता है, पुरस्कार बांटने की बाकायदा रिहर्सल होती है और फिर अगले दिन पुरस्कार मिलता है।