तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के साथ ही बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए हैं, अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा साउथ ब्लॉक पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले बिपिन रावत ने सभी जवानों को शुभकामनाएं दीं.
मीडिया से बात करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि उन्होंने पूरी उम्मीद है कि मनोज मुकुंद देश की सेना को और आगे ले जाएंगे. सभी जवानों को वह नए साल की शुभकामनाएं देते हैं.
उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिर्फ एक पद है, उस व्यक्ति को सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ती है. बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है, ये ओहदा तभी बढ़ता है जब वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनता है, सभी जवानों के साथ आने से ही सफलता मिलती है.
Gen Bipin Rawat thanks all the soldiers, officers and families of army personnel as he hangs his boots as Army Chief. But he will don a new cap of CDS that is expected to pave the way for military reforms in the country pic.twitter.com/8SQTlchMtF
— Abhishek Bhalla (@AbhishekBhalla7) December 31, 2019
ईसके साथ ही जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं. इस पद पर आते ही उनके पास तीनों सेनाओं को आदेश जारी करने का अधिकार मिल गया है. सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल के अलावा युद्ध के दौरान सिंगल प्वॉइंट आदेश देने का भी अधिकार होगा. मतलब ये है कि अब तीनों सेनाओं को एक ही आदेश जारी होगा. साथ ही उन्हें साइबर और स्पेस कमांड का भी जिम्मा दिया जाएगा. करगिल जंग के बाद बनी कमेटी ने सीडीएस की सिफारिश की थी ताकि सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल हो सके.
नियमों में किया गया संशोधन
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief Of Defence Staff) पद के ऐलान के बाद सरकार ने इसकी अधिकतम उम्र सीमा के लिए सेना के नियमों में संशोधन किया है. नए नियम के तहत अधिकतम उम्र सीमा अब 65 साल होगी. इसकी अधिसूचना रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई.
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