एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अपना समर्थन जताया है. उन्होंने लिखा है, ‘मैं आपकी चिंताओं से सहमत हूं. मैं उन सभी पार्टियों के साथ हूं जो इस कानून के विरोध में हैं.’
उन्होंने आगे लिखा है, ‘मुझे खुशी होगी कि मैं आपके इस विरोध में किसी तरह से भी शामिल हो पाऊं. मैं केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ हूं. और मैं संविधान की रक्षा के लिए कोई भी योगदान देने को तैयार हूं. कृपया इस संबंध में किसी भी बैठक के बारे में मुझे जरूर जानकारी दें.’
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर बरसते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राजनीतिक दलों और नागरिक संस्थाओं से देशभर में बीजेपी पार्टी के खिलाफ हाथ मिलाने और उसे अलग-थलग करने का अनुरोध किया था.
NCP Chief Sharad Pawar writes letter to West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee, extending his support to protest against National Register of Citizens and #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/N3F8TqQRo8
— ANI (@ANI) December 31, 2019
कानून के खिलाफ पांच किलोमीटर लंबे विरोध मार्च के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी देश के वैध नागरिकों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का अद्यतन नहीं होने देंगी जिसे पहले ही उनकी सरकार ने रोक रखा है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”मैं हर किसी से बीजेपी के खिलाफ हाथ मिलाने और हर जगह उसे अलग-थलग करने की अपील करती हूं. राजनीतिक दलों, नागरिक संस्था समूहों और छात्र समुदाय को देशभर में विरोध करना चाहिए और बीजेपी को अलग-थलग करना चाहिए. वे हमारी स्वतंत्रता छीनना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.”
संशोधित कानून का विभिन्न जगह विरोध कर रहे छात्रों को समर्थन देते हुए उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि जो लोग 18 साल के हो चुके हैं और अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं, किसी सरकारी नीति या निर्णय के खिलाफ विरोध को लेकर उनकी आलोचना क्यों की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ”मैं कानून का विरोध कर रहे छात्रों को अपना समर्थन देती हूं. जब तक सीएए को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक मैं अपना विरोध खत्म नहीं करूंगी. सिर्फ इतना पक्का कीजिए कि आपका नाम मतदाता सूची में हो. बाकी का काम मैं देख लूंगी. किसी को भी यह देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.” बनर्जी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, किसी को भी देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.