इन दिनों जहां एक तरफ नागरिकता संशोधित कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा राह है. और एक साख धर्म के लोग इस कानून को एक साजिश मान रही हैं इसी बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का एक बयान सामने आया है.
पुरी में गोवर्धन मठ में अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बात करते हुए, सरस्वती ने कहा कि दुनिया के कुल 204 देशों में से कई को मुस्लिम और ईसाई देश घोषित किया गया है, जबकि हिंदुओं के लिए ऐसा कोई देश नहीं है. इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिन्दू राष्ट्र नहीं हैं. ऐसे में पहले चरण में भारत, नेपाल और भूटान को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है. उन्होंने आगे कहा है कि बाकी देशों में सताए जा रहे हिन्दुओं को इन तीन देशों में पुनर्वासित किया जाना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि यदि कोई मुस्लिम किसी अन्य देश में खुद को उपेक्षित महसूस करता है और किसी विशेष राष्ट्र को छोड़ना चाहता है, तो उसे किसी भी मुस्लिम राष्ट्र में पुनर्वासित किया जाना चाहिए.
इतना ही नहीं उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर होने वाली हिंसा को लेकर कहा कि अगर इसको लाने से पहले उचित परामर्श, चर्चा और लोगों के बीच जागरूकता के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए होते तो शायद देश का माहौल ऐसा नहीं होता.