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दिल्ली विधानसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान, 8 फरवरी को होगा मतदान, 11 को आएगा रिजल्ट

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देश की राजधानी दिल्ली में 2020 विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल आरोड़ा ने एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन कर तारीखों का ऐलान किया 8 फरवरी को मतदान होगा जबकि 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित किये जाएंगे, तमाम 70 सीटों के लिए 13775 पोलिंग बूथ पर वोट डाले जाएंगे मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी देते हुए कहा कि 1 करोड़ 46 लाख वोटर अपने वोट का करेंगे इस्तेमाल. 90 हजार कर्मचारी इस चुनाव प्रक्रिया को समपन्न करवाने के लिए रखे गए हैं. आज से ही चुनाव आचार संहिता लागू करने का भी ऐलान किया गया.

2015 में क्या रहे थे चुनाव नतीजे?

दिल्ली में पिछली बार के चुनाव नतीजे आखिर किसे याद नहीं होंगे. अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था. आम आदमी पार्टी ने 2015 विधानसभा चुनाव में 70 में से 67, बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं. कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव का शेड्यूल –

नोटिफिकेशन – 14 जनवरी

नॉमिनेशन की आखिरी तारीख – 21 जनवरी

स्क्रूटनी – 23 जनवरी

नामांकन वापस लेने की तारीख – 24 जनवरी

वोटिंग – 8 फरवरी

नतीजे – 11 फरवरी

दिल्ली विधानसभा की कुल सीट – 70

58 सामान्य, 12 SC सीटें

कुल पोलिंग बूथ- 13750

स्थानों पर वोटिंग होगी – 2689

चुनाव के लिए जरूरी कर्मचारी – 90 हजार

कुल वोटर 

कुल वोटर – 1,46,92136

पुरुष वोटर – 8055686

महिला वोटर – 6635635

थर्ड जेंडर – 815

NRI वोटर – 489

सर्विस वोटर्स – 11556

कुल पोलिंग बूथ – 13750

त्रिकोणीय मुकाबला में मुख्य पार्टियों का दावा

आम आदमी पार्टी,सत्ताधारी दल इस बार अपने पांच साल के काम पर आगे बढ़ रहा है. जिसमें मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी 2019 में बीजेपी एक बार फिर चुनाव जीतकर आई है, ऐसे में उसे उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आएगा. हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का किया है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहेगी. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सातों लोकसभा सीटें जीती थीं. हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार ना होना बीजेपी के लिए हानिकारक हो सकता है.

कांग्रेस कांग्रेस पार्टी ने 2015 में खाता भी नहीं खोला था, ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की तो होंगी. इसके अलावा पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वह दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है.