गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल सके इसलिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर होने वाले घोटाले का खुलासा होने पर गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आयुष्मान भारत में अनियमितता उजागर होने के बाद गुजरात सरकार ने 15 हजार कार्ड को रद्द कर दिया है. जबकि अभी भी हजारों फर्जी कार्ड होने की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री रुपाणी ने स्वास्थ्य विभाग को जांच कर तुरंत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
आयुष्मान भारत योजना को लागू और निगरानी करने वाले नेशनल हेल्थ अथारिटी के अनुसार देशभर में ऐसे 2 लाख से अधिक फर्जी कार्ड्स का मामला सामने आया है जिनमें छत्तीसगढ़ का वो परिवार भी है जिसने 109 कार्ड बनाने के बाद आंखों की 57 सर्जरी करने का मामला सामने आया है. इसमें गुजरात के एक ही परिवार के 1700 कार्ड भी शामिल हैं.
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव जंयति रवि ने इस बीच जानकारी दी है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी कार्ड बने होने की जानकारी मिलते ही तुरंत इसकी प्राथमिक जांच कर 15 हजार कार्ड रद्द कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग पूरे राज्य में फर्जी कार्डों को तलाशने का अभियान चलाए हुए है. राज्य में अभी भी हजारों कार्ड होने की आशंका है.
उल्लखनीय है कि केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री की जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी व तय मापदंड के अनुसार लागू करने में गुजरात हमेशा आगे रहा है. आयुष्मान भारत योजना की गड़बड़ी सामने आते ही सरकार ने योजना को दुरस्ता करने का काम शुरू कर दिया है.