जब अर्थव्यवस्था धरती फाड़कर पाताल में जा रही है, अर्थव्यवस्था की नीतियों को लेकर केन्द्र सरकार पूरी तरीके से फेल नजर आ रही है. सर्विस सेक्टर से लेकर ऑटो मोबाइल सेक्टर तक कराह उठे हैं. केन्द्र सरकार ने भी मान लिया है कि इस अर्थव्यवस्था की जीडीपी 5 फीसद से भी नीचे रहने का अनुमान है. ऐसे में बजट से पहले आर्थिक सुधार की दिशा में सुझाव लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की. बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और परिवाह मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे, लेकिन जिस वित्त विभाग की बजट से पहले ये सबसे महत्वपूर्ण बैठक थी उसी वित्त मंत्रालय की मंत्री निर्मला सीतारमण इस मीटिंग से नदारद रहीं. वित्त मंत्री के मीटिंग में गायब रहने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल खड़े किए हैं. ट्विटर पर ‘वित्त मंत्री’ और ‘निर्मला सीतारमण’ टॉप ट्रेंड्स में से एक रहीं.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या पिछले दिनों दिल्ली में मौजूद जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में होने वाली हिंसा के बाद जेएनयू की पूर्व छात्र और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट के बाद उन्हे नजर अंदाज किया जा रहा है. हिंसा के बाद उन्होंने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया- जेएनयू से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं. सरकार चाहती है कि सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय सुरक्षित रहे.
Horrifying images from JNU — the place I know & remember was one for fierce debates & opinions but never violence. I unequivocally condemn the events of today. This govt, regardless of what has been said the past few weeks, wants universities to be safe spaces for all students.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) January 5, 2020
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी सीतारमण के मीटिंग में गायब रहने पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, ‘वित्त मंत्री कहां हैं? या दोनों भूल गए हैं कि वित्त मंत्री भी है?’
Where is the Finance Minister? Or has the Duo forgotten they have one? https://t.co/990NEDyQp4
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 9, 2020
केंद्रीय बजट से पहले देश के टॉप इकनॉमिस्ट की बैठक में वित्त मंत्री के शामिल नहीं होने पर लोग सवाल कर रहे हैं एक यूजर ने लिखा, ‘केंद्रीय बजट से पहले, देश के टॉप इकनॉमिस्ट के साथ इतनी अहम बैठक और वित्त मंत्री इसमें शामिल नहीं हैं?’
A very important meeting with the top economists of India, ahead of the Union Budget, and the Union Finance Minister is not in attendance? https://t.co/Igydc8R9Jd
— Vishnu Prasad (@imvishnuprasad) January 9, 2020
एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, ‘निर्मला सीतारमण मैम, क्या कोई स्पष्ट कारण है कि आप, देश की वित्त मंत्री को प्री-बजट मीटिंग में शामिल नहीं किया गया? अगर पीएम जानबूझकर आपको किनारे कर रहे हैं, तो हमें बताइए. हम आपके लिए ‘मिस्ड कॉल’ कैंपेन शुरू कर देंगे.’
Ma’am @nsitharaman any particular reason why you as India’s finance minister have been excluded from a pre-budget meeting? If PM is deliberately sidelining you, just let us know. We will start a ‘missed call’ campaign for you & trend #Boycott_Chhapaak oh sorry I mean #BoycottModi https://t.co/ltRWDmqSFA
— Rofl Republic 🍋🌶 (@i_theindian) January 9, 2020
वित्त विभाग की सबसे अहम बैठक में मंत्रालय की मंत्री के नहीं पहुंचने के बाद होने वाले हंगामा के बाद बीजेपी ने एक ट्वीट कर बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीजेपी हेडक्वार्टर्स में पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रवक्ता, मोर्चा सदस्य, पब्लिकेशन और थिंक टैक से मुलाकात कर रही थी, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या निर्मला सीतारमण को मौजूदा आर्थिक हालातों का अंदाजा है या नहीं एंव वह आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर भी हैं या नहीं? जबकि दूसरी तरफ ऐसी भी बाते सामने आ रही हैं कि जेएनयू पर हुए हमले के बाद जो उन्होंने जेएनयू को संतावना देते हुए ट्वीट किया था उसकी वजह से सरकार उनसे नाराज है और उन्हे सिस्टम से बाहर रखा जा रहा है. बाते तो यहां तक चल रही है कि जेएनयू के ट्वीट के कारण मोदी सरकार ने उन्हे कमजोर कड़ी के रुप में चिन्हित कर लिया है और आने वाले नजदीकी समय में उनके मंत्री पद को भी खतरा हो सकता है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/one-day-special-session-of-gujarat-assembly-will-be-stormy-congress-will-try-to-surround-the-government/