गुजरात विधानसभा के विशेष सत्र में बहुमत के साथ नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रस्ताव पास हो गया है. केरल विधानसभा में जहां नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था वहीं गुजरात विधानसभा में इस कानून के समर्थन में प्रस्ताव पास कर गुजरात पहले नम्बर का राज्य बन गया है. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया लेकिन बहुमत के जोर पर विधानसभा गृह में कानून के समर्थन में प्रस्ताव पास हो गया.
चर्चा के दौरान जहां कांग्रेस के विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए इस कानून को संविधान विरोधी बताया वहीं निर्दलीय विधयक जिग्नेश मेवानी ने बिल की कॉपी को विधानसभा के अंदर फाड़कर अपने नाराजगी का इजहार किया. उन्होंने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मांग करते हुए कहा कि पहले वह अपनी नगरिकता सिद्ध करें औरअपने माता पिता के दस्तावेज जनता के सामने रखें उसके बाद लोगों से नागरिकता सिद्ध करने के दस्तावेज की मांग करें.
विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री रुपाणी ने खुद की नागरिकता पर होने वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भले ही मेरा जन्म वर्मा में हुआ है लेकिन मेरे माता-पिता के पास पासपोर्ट है इसलिए मैं जन्मजात भारतीय नागरिक हूं.
विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस इस कानून को लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रही है. वहीं इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए गुजरात के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने कहा कि इस कानून के तहत गुजरात में रहने वाले 10 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को जल्द से जल्द नागरिकता दी जाएगी.