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NRC को लेकर मोदी-शाह के बयान में अंतर, अल्पसंख्यक समुदाय में डर का माहौल

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भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर मोदी-शाह के बायनों के बीच होने वाले अंतर के बाद खास तौर से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में डर और भय का माहौल बैठ गया है. भले ही केंद्र सरकार ने साफ किया है कि एनआरसी अभी देश में लागू नहीं किया जाएगा. बावजूद इसके देश के कई राज्यों में अचानक सरकारी कार्यालयों में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों की लम्बी लाइन दिखाई दे रही है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले साल यानी वर्ष 2019 में 6,193 जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए. यह आंकड़ें पिछले तीन साल के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं. लखनऊ म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में काम करने वाले अधिकारियों ने बताया है कि अचानक यहां जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भीड़ बढ़ गई है. खासकर मुस्लिम बुजुर्गों की संख्या काउंटरों पर यहां ज्यादा देखी जा रही है. लखनऊ के अलावा प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर जैसे अन्य जिलों में भी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों के बीच होड़ मची हुई है.

वहीं बिहार में भी हालात कुछ ऐसे ही देखने को मिल रहे हैं साल 2019 में जनवरी से लेकर नवंबर के महीने तक कुल 4,000 लोगों ने यहां जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया. वहीं दिसंबर में यह आकंड़ा बढ़कर 6,000 हो गया। इनमें से 25 प्रतिशत लोग 40-50 वर्ष के थे और मुख्य रूप से अल्संख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने भले ही नागरिकता संशोधन कानून और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को नहीं लागू करने का ऐलान किया है बावजूद इसके बंगाल में भी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े कागजात हासिल करने के लिए सरकारी कार्यालयों में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भारी भीड़ जुटी.

महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक बाहुल्य वाले मालेगांव और औरंगाबाद क्षेत्रों के लोग जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त कार्यालय खोले गए हैं ताकि उन्हें कागजात मुहैया कराया जा सके.

गुजरात का भी कुछ ऐसा ही माहौल दिखाई दे रहा है गुजरात में मुस्लिमों की आबादी वाले इलाकों में पिछले कई महीने से अलग-अलग तरीके के कैम्प लगाकर मुस्लिम संस्था से जुड़े लोग लोगों की मदद कर रहे हैं कि अगर भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू होता है उन्हे नागरिकता सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से कागजात बनवाना पड़ेगा. ऐसे कैम्प में भारी भीड़ लोगों की दिखाई दे रही है.