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योगी सरकार का बड़ा फैसला, लखनऊ, नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम होगा लागू

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योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम को मंजूरी दे दी है. सोमवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है. इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी. हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है. सीएम योगी ने कहा कि एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे. उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी.

आईये जानते हैं क्या कुछ होगा खास

अगर कमिश्नर सिस्टम की बात कानून की भाषा में की जाए तो CRPC की मजिस्ट्रियल पावर वाली कार्यवाही अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी. वह अब पुलिस कमिश्नर को मिल जाएगी.

CRPC की धारा 107-16, 144, 109, 110, 145 का क्रियान्वयन पुलिस कमिश्नर कर सकेंगे.

होटल के लाइसेंस, बार लाइसेंस, हाथियार का लाइसेंस भी पुलिस ही दे सकेगी.

धरना प्रदर्शन की अनुमति देना और न देना भी पुलिस के हाथों में आ जाएगा.

दंगे के दौरान लाठीचार्ज होना चाहिए या नहीं, अगर बल प्रयोग हो रहा है तो कितना बल प्रयोग किया जाएगा इसका निर्णय भी पुलिस ही करेगी.

जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण में भी पुलिस को अधिकार मिलेगा. पुलिस कमिश्नर सीधे लेखपाल को पैमाइश का आदेश दे सकता है. माना जा रहा है कि इससे जमीन से संबंधित विवाद का निस्तारण जल्दी होगा.

कमिश्नर प्रणाली से शहरी इलाकों में भी अतिक्रमण पर अंकुश लगेगा. अतिक्रमण अभियान चलाने का आदेश सीधे तौर पर कमिश्नर दे सकता है और नगर निगम को इस पर अमल करना होगा.

अभी हाल में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया था कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने को लेकर शासन में मंथन चल रहा है. राज्य सरकार का तर्क यह है कि इससे जिलों की कानून व्यवस्था बेहतर होगी. इसके बाद कानून एवं व्यवस्था सहित तमाम प्रशासनिक अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास रहेंगे.