अमेरिका की मशहूर सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने भी अब नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी राय रखी है. उन्होंने मैनहेटन में 13 जनवरी को एडिटर्स से बातचीत करते हुए कहा है कि ‘जो भी हो रहा है वो दुखद है.’मैं एक बांग्लादेशी आप्रवासी को देखना पसंद करूंगा जो भारत आता है और इन्फ़ोसिस का अगला सीईओ बनता है.
हैदराबाद से आने वाले नडेला ने अपने शहर को याद करते हुए कहा, ‘मुझे अपनी धरोहर पर गर्व है. मुझे हमेशा लगा कि बढ़ने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है. हम वहां दिपावली मानाते हैं, ईद मनाते हैं, क्रिसमस मनाते है- ये तीनों त्योहार हमारे लिए अहम हैं.’
नडेला ने कहा कि ‘हर देश को अपनी सीमाओं को परिभाषित करना चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना और उसके अनुसार आप्रवासी पॉलिसी तैयार करना चाहिए. और लोकतंत्र में, यह कुछ ऐसा है कि जनता और उनकी सरकारें बहस कर उन सीमाओं को परिभाषित करेंगी.’
सत्या नडेला का बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी इस क़ानून के ख़िलाफ़ सरकार की घेरेबंदी तेज़ कर दी है। विपक्षी दलों ने इस क़ानून को संविधान के बुनियादी ढांचे के ख़िलाफ़ बताते हुए वापस लेने की माँग की है। यह क़ानून तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देता है